Bihar News: राज्यभर के अमीनों के कामकाज की अब जिलावार समीक्षा होगी। जिला स्तर पर इसकी समुचित समीक्षा करने से संबंधित दिशा-निर्देश विभाग ने दिया है। यह देखा जाएगा कि विभाग स्तर से तय मापदंडों के आधार पर अमीन जमीन की मापी कर रहे हैं या नहीं। राज्य में जमीन मापी के लिए ऑनलाइन आवेदन से लेकर अमीन आवंटन तथा मापी की पूरी व्यवस्था तय समय में वेबसाइट से करने का प्रावधान है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए विशेष वेबसाइट बनाई है, लेकिन जमीन मापी की इस पूरी प्रक्रिया में प्राप्त आवेदन की तुलना में इनके निपटारे की दर 50 से 60 फीसदी ही है। इसे बढ़ाने के लिए विभाग के स्तर से खासतौर से प्रयास किए जा रहे हैं।
ई-मापी के लिए 86500 आवेदन
अमीन के स्तर पर मापी के कार्य में भी लापरवाही बरती जाती है। राजस्व विभाग के सचिव जय सिंह ने ई-मापी की रफ्तार बढ़ाने और लंबित मामलों का निपटारा तेजी से करने से संबंधित निर्देश दिया है। अस्वीकृत आवेदनों का कारण भी पता करने के लिए कहा है। ई -मापी के लिए 86 हजार 500 आवेदन आए हैं। इनमें 38 हजार आवेदकों ने ऑनलाइन तरीके से भुगतान किया, जिनमें 38 हजार लोगों को मापी की तारीख मिल गई है। शेष की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।
डालें अपना मोबाइल नंबर
ई – मापी के लिए प्राप्त आवेदनों में बड़ी समस्या यह भी देखी जा रही है- कि आवेदनों में संबंधित व्यक्ति के स्थान पर साइबर कैफे या वसुधा केंद्र के संचालकों का मोबाइल नंबर भरा रहता है। इससे भी आवेदन रद्द हो जाते हैं या मापी से जुड़ा संदेश नहीं पहुंच पाता है। इसे ध्यान में रखते हुए ई मापी के पोर्टल समेत अन्य स्थानों पर यह जानकारी खासतौर से प्रचारित करें कि ऑनलाइन आवेदन में आवेदक अपना मोबाइल नंबर ही भरें, किसी अन्य का नहीं। इससे सभी जरूरी सूचना उन तक पहुंच सकेगी।