14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar News: बाबू जगजीवन राम देश के दिग्गज राष्ट्रीय नेताओं में अग्रणी : कुलपति

मगध विश्वविद्यालय के डॉ राधाकृष्णन सभागार में 'बाबू जगजीवन राम : कंट्रीब्यूशन इन द डेवलपमेंट ऑफ पोस्ट इंडिपेंडेंस इंडिया' शीर्षक पर अकादमिक विचार मंच व आइक्यूएसी की ओर से मगध विवि में सेमिनार आयोजित हुआ.

Bihar News: मगध विश्वविद्यालय के डॉ राधाकृष्णन सभागार में ‘बाबू जगजीवन राम : कंट्रीब्यूशन इन द डेवलपमेंट ऑफ पोस्ट इंडिपेंडेंस इंडिया’ शीर्षक पर बाबू जगजीवन राम अकादमिक विचार मंच व आइक्यूएसी के तत्वाधान में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. कुलपति प्रो एसपी शाही की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ललित नारायण मिथिला विवि, दरभंगा के राजनीति विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष व संकायाध्यक्ष प्रो जितेंद्र नारायण, प्रति संरक्षक प्रो बी आरके सिन्हा व प्रतिकुलपति शामिल हुए. कार्यक्रम का शुभारंभ बाबू जगजीवन राम के छाया चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. अध्यक्षीय भाषण में कुलपति प्रो शाही ने बाबू जगजीवन राम को देश के दिग्गज राष्ट्रीय स्तर के नेताओं में अग्रणी बताया. उन्होंने कहा कि बाबूजी राष्ट्र के महानायक तथा संत रूपी राजनेता थे. भारत को उन पर गर्व है. सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष प्रो आरएस जमुआर ने कहा कि नये भारत के निर्माण में बाबू जगजीवन राम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने आजादी के बाद अर्थव्यवस्था को पुनः निर्मित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके लिए लोक सेवा, समाज हित तथा देश का उत्थान सर्वोपरि था. प्रतिकुलपति प्रो सिन्हा ने कहा कि बाबू जगजीवन राम सामाजिक न्याय व लोकतंत्र के संस्थापक थे. उन्होंने आजीवन अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया व समतावादी विकास का प्रतिमान दिया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जितेंद्र नारायण ने कहा कि बाबू जगजीवन राम गांधी एवं सरदार पटेल के विचारों से प्रभावित थे. शैक्षणिक जगत ने बाबूजी के साथ न्याय नहीं किया है. उन्हें जितनी मान्यता मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली. बाबू जगजीवन राम अत्यंत मृदुभाषी, ताकतवर व्यक्तित्व, के प्रखर तथा एक कुशल रणनीतिकार थे. संजय पासवान ने अपनी पुस्तक में उनके योगदान को रेखांकित किया है. देश की एकता के लिए सामाजिक ताना-बाना बने रहना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. बाबूजी राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम दलित नेता थे, जिन्होंने सामाजिक ताने-बाने को सुधारने का काम किया. उन्होंने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा. वे विभेदकारी नीतियों के विरोधी थे. हिंदू समाज की कमियों को दूर करने के लिए वह सदैव तत्पर रहते थे.आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो मुकेश कुमार द्वारा स्वागत भाषण व समाजशास्त्र के डॉ प्रमोद कुमार चौधरी द्वारा विषय प्रवेश वक्तव्य दिया गया. कार्यक्रम के सह समन्वयक फिजियोथेरेपी विभाग के डॉ बीपी नलिन, समन्वयक प्रो मुकेश कुमार तथा आयोजन सचिव डॉ पीके चौधरी मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन डॉ दीपा रानी ने किया व धन्यवाद ज्ञापन डॉ अंजनी कुमार घोष ने किया. इस अवसर पर लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो एहतेशाम खान, आयोजन समिति में डॉ कविता कुमारी, डॉ विजकांत यादव, डॉ राजेश कुमार, पाली विभाग के डॉ संजय कुमार, डॉ राम उदय प्रसाद, राधेश्याम ठाकुर, डॉ ममता मेहरा, एकता वर्मा तथा अन्य विभागों के शिक्षक, शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे.

Also Read:जमुई में लोजपा और राजद के बीच होगा मुख्य मुकाबला

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें