Bihar News: बढ़ती उम्र और काम में ढुलमुल रवैया वाले बिहार के सरकारी कर्मियों और अधिकारियों (Bihar Govt Staff) के लिए अब मुश्किल होने वाली है. इन कर्मियों की सत्यनिष्ठा, कार्य दक्षता और आचार की समीक्षा साल में दो बार होगी. कहीं कोई कमी पाई जाती है तो अनिवार्य सेवानिवृति (Mandatory Retirement) पर भेज दिया जाएगा. दरअसल, बिहार सरकार (Bihar Government) का गृह विभाग (Home Department) 50 वर्ष से ऊपर के सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की समीक्षा के लिए समिति का गठन कर दिया गया है. बिहार में 50 साल से अधिक उम्र वाले सरकारी कर्मी रिटायर होने से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
अब उन्हें रिटायरमेंट की उम्र तक नौकरी करने के लिए खुद को काम के लायक बनाए रखना होगा और इसे हर साल दो बार साबित भी करना होगा. अगर वे ऐसा करने में सक्षम नहीं रहे तो सरकार उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेज देगी. गृह विभाग की कारा इकाई में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के क्षमता मूल्यांकन के लिए कमेटी का गठन किया गया है.
कमेटी अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार करेगी. इसके बाद काम नहीं करने वाले अधिकारियों व कर्मियों को हटाये जाने की कार्रवाई शुरू होगी. कारा इकाई में इसके लिए तीन तरह की कमेटियां बनी हैं. वर्ग क के लिए गृह विभाग अपर मुख्य सचिव अध्यक्षता में कमेटी बनी है. इसमें कारा एवं सुधार सेवाओं को आइजी को सदस्य, संयुक्त सचिव सह निदेशक को सदस्य सचिव और विधि पदाधिकारी को सदस्य बनाया गया है.
इनके अलावा संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी वर्ग ख के अधिकारियों के लिए बनी है, जबकि उपसचिव स्तर की अध्यक्षता वाली कमेटी कर्मचारियों के कार्य मूल्यांकन के लिए बनी है. गौरतलब है कि पूर्व में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से प्रशासन के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की समीक्षा के लिए आदेश जारी किये गये थे. उसी के आलोक में अन्य विभागों से भी आदेश निकाले जा रहे हैं.
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Posted by: Utpal kant