Bihar News: बिहार में गर्मी का सीजन शुरू हो गया है. धूप निकलने के कुछ देर बाद से ही गर्म हवा चल रही हैं. ऐसे मौसम में खुद को फिट रखते हुये रोजमर्रा के कामों को पूरा करना आसान नहीं है. इस मौसम में खुद को सेहतमंद रखने के लिए लोग खान-पान और जीवन शैली बदल रहे हैं. कपड़ों से लेकर खान-पान में अंतर आया है. बाजार में शिकंजी और नारियल पानी के स्टॉल पर लोगों की भीड़ दिख रही है. इस मौसम में लोग गन्ना का जूस और आमरस भी पसंद कर रहे हैं. बाजार में सूती कपड़ों की मांग में इजाफा हुआ है. इसके साथ ही एसी, फ्रिज, मटका, सुराही की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है. इस मौसम में शारीरिक और मानसिक स्तर पर हमें कैसे रहने की जरुरत है. इस पर समग्रता से सामग्री दी जा रही है.
– 15 अप्रैल 38.9
– 14 अप्रैल – 38.6
– 13 अप्रैल – 38.5
– 12 अप्रैल – 37.3
– 11 अप्रैल – 36.7
– 10 अप्रैल – 36.4
– 9 अप्रैल – 36.7
– 8 अप्रैल – 35.8
– 7 अप्रैल – 36.1
– 6 अप्रैल – 35.7
– 5 अप्रैल – 34.6
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गर्मी शुरू होते सूती कपड़े की डिमांड बढ़ गयी है. कपड़ों की होलसेल मंडी सूतापट्टी से रोज 50 से 60 करोड़ के सूती कपड़े निकल रहे हैं. मुजफ्फरपुर के अलावा बाहर के कारोबारियों ने भी पैंट-शर्ट के सूती कपड़े और सूती साड़ियों की खरीदारी तेज कर दी है. सूरत, अहमदाबाद और मुंबई से शहर में रोज सूती कपड़ों की खेंप पहुंच रही है. गर्मी में अधिकतर लोग सृती कपड़े पहन रहे हैं. इसको लेकर बाजार के ट्रेंड में बदलाव है. गर्मी में सिंथेटिक और लिलेन कपड़े आरामदायक नहीं होने के कारण इसका बाजार मंदा है. इस तरह के कपड़े धूप से ज्यादा गर्म हो जाते हैं, जिससे बॉडी हीट बढ़ने लगती है. चैंबर ऑफ कॉमर्स के महामंत्री सज्जन शर्मा ने कहा कि गर्मी के सीजन में अधितर लोग सूती कपड़े पहनते हैं. इन दिनों पैंट, शर्ट, साड़ियां और सलवार सूट की अच्छी सेल हो रही है. सूतापट्टी मंडी में रोज मिलों से कपड़ा पहुंच रहा है. अभी से लेकर अक्टूबर तक सूती कपड़ों की डिमांड अधिक रहेगी. एक सप्ताह के अंदर कपड़ों के बाजार में तेजी आयी है.
गर्मी से बचने के लिए बाजार में रंग-बिरंगा मटका भी आया है. गुजराती मटका लोगों की पसंद बन रहा है. मटका व्यवसायी जयप्रकाश प्रजापति ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से मटका, घड़ा और सुराही की खरीदारी तेज हो गयी है. बाजार में पांच लीटर से लेकर 40 लीटर पानी की क्षमता वाला घड़ा उपलब्ध है. नल लगे सुराही और घड़े की डिमांड अधिक है. फ्रिज रखने वाले लोग भी अब मटका और सुराही खरीद रहे हैं. इससे मटका के बाजार में तेजी है. आपूर्ति के लिहाज से अब ग्रामीण क्षेत्रों से भी मटका मंगाया जा रहाे है.