Bihar News: बिहार सरकार ने राज्य में गिट्टी के अवैध कारोबार पर नियंत्रण और राजस्व में वृद्धि के उद्देश्य से खान एवं भू-तत्व विभाग के माध्यम से एक नई व्यवस्था लागू की है. इसके तहत अन्य राज्यों से गिट्टी मंगाने वाले कारोबारियों को संबंधित जिले के खनिज विकास पदाधिकारी को इसकी पूर्व सूचना देनी होगी. यह कदम गिट्टी की तस्करी को रोकने और राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
लगभग 90 प्रतिशत आपूर्ति बाहरी राज्यों पर निर्भर करती है
नई व्यवस्था के अनुसार, जिले के खनिज विकास पदाधिकारी को पूर्व सूचना देने के बाद ही अन्य राज्य से गिट्टी आयात की जा सकेगी और चालान जारी किया जाएगा. बिहार में केवल गया और शेखपुरा जिलों में ही गिट्टी का खनन हो रहा है, जबकि झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से गिट्टी की आपूर्ति की जाती है. राज्य में गिट्टी की लगभग 90 प्रतिशत आपूर्ति बाहरी राज्यों पर निर्भर करती है.
इन जिलों में 104.5 एकड़ क्षेत्र में खनन योजना की स्वीकृति
गया और शेखपुरा जिलों में 104.5 एकड़ क्षेत्र में खनन योजना की स्वीकृति आठ बंदोबस्तधारियों को दी गई है. इनमें से पांच बंदोबस्तधारियों को 2020 में पांच साल के लिए मंजूरी दी गई थी, जिसकी मियाद 2025 में खत्म हो जाएगी. जबकि तीन अन्य को 2021 में दी गई, जो 2026 में समाप्त होगी.
जियो टैगिंग फोटो विभागीय पोर्टल पर अपलोड करनी होगी
नई व्यवस्था के तहत अन्य राज्यों से आयातित गिट्टी की पहुंच पर स्थल निरीक्षण होगा और जहां इसका भंडारण किया जाएगा, उसकी जियो टैगिंग फोटो विभागीय पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. कारोबारियों को अपने भंडारण स्थल पर सीसीटीवी कैमरा और धर्मकांटा भी अनिवार्य रूप से लगाना होगा.