Bihar News: बिहार के बेतिया में जंगल से निकलकर बाघ रिहायशी इलाके में पहुंच गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गोवर्धना वन क्षेत्र में बाघ के हमले में महिला की मौत हो गई है. देर रात एक बजे ग्रामीणों को महिला का शव मिला था. बाघ द्वारा महिला के शव के निचले हिस्से को खा लिया गया था. मृतका की शिनाख्त बखरी निवासी चिल्होरिया देवी के रूप में की गई है. यह मवेशी को चराने के लिए गई थी. इसी दौरान जंगल से निकलकर बाघ ने महिला पर हमला कर दिया और महिला को अपने साथ जंगल में लेकर चला गया था. इस घटना की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई. इसके बाद जंगल के पास वन विभाग के कर्मियों की तैनाती हुई है. बाघ कहां है इस बात का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
वन विभाग की टीम की बाघ के मूवमेंट पर नजर है. बताया जाता है कि रविवार की दोपहर ही महिला मवेशी को चराने के लिए गई थी. इसके बाद वह लापता हो गई. परिजनों ने महिला की तलाश शुरू की थी. रात करीब एक बजे महिला का शव बरामद किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाघ ने ही महिला के ऊपर हमला किया है. एसएसबी कैंप पिराड़ी से 100 मीटर की दूरी पर महिला की लाश मिली है. महिला के शव मिलने के बाद परिजन उसे गौनाहा अस्पताल लेकर पहुंचे थे. लेकिन, चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया. महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया गया है. बाघ के पंजे के निशान के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है.
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महिला की मौत के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. इस घटना की वजह से ग्रामीणों में डर है. बता दें कि पहले भी इस इलाके में बाघ ने हमला किया था. करीब सात महीने पहले एक बाघ जंगल से निकलकर बेतिया के गांव में आ पहुंचा था. गोनाहा प्रखंड स्थित नवका गांव में बाघ ने महिला पर हमला किया था. इसके बाद वह उसके घर में घुस गया था. वन विभाग की टीम ने चारों तरफ से घर को घेरकर बाघ को काफी परेशानी और मेहनत के बाद पकड़ा था. बाघ रिहायशी इलाके में कैसे पहुंचा इसकी जानकारी किसी को भी नहीं थी. लेकिन, इस घटना से अफरा- तफरी का माहौल हो गया था. अधिकारी और वन कार्यालय से अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और अपने कार्य में जुट गए थे. स्थानीय लोगों को हटाकर घर को चारों तरह से घेर कर बाघ का रेस्क्यू किया गया था. बाघ घर में घुसकर एक कमरे में छिप गया था. घर के लोग इसके बाद बुरी तरीके से डर गए थे और वन विभाग की टीम को घटना की सूचना दी थी.
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बेतिया के लौकरिया थाना क्षेत्र के सुनवाबारी त्रिवेणी नहर को पार करने के दौरान एक मगरमच्छ ने दो महीने पहले बच्चे पर जानलेवा हमला किया था. इसके बाद मां अपने बच्चे को बचाने के लिए मगरमच्छ से लड़ पड़ी थी. मां ने डंडे से मगरमच्छ पर प्रहार किया था. इसके बाद मगरमच्छ बच्चे को छोड़कर चला गया था. यह घटना चर्चा का विषय बन गई थी. सभी मां के साहस की तारीफ कर रहे थे. वहीं, करीब एक महीने पहले सिसवा मंगलपुर गांव में मगरमच्छ ने शख्स पर हमला कर दिया था. इस हमले के बाद व्यक्ति का पैर बुरी तरीके से जख्मी हो गया था. युवक के चिल्लाने की आवाज सुनकर मौके पर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. इसके बाद लोगों ने मगरमच्छ पर लाठी और डंडे से हमला किया था.
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