Bihar News: बिहार की राजधानी पटना स्थित बेउर जेल में फर्जी डाक्यूमेंट के आधार पर सिम का इस्तेमाल कर रंगदारी मांगे जाने के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने दूसरे के आधार कार्ड पर सिम इश्यू करा कर अपराधियों को सप्लाइ करने वाले एक शातिर को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़ा गया शातिर बिदुपुर थाने के चकललुआ गांव का मनीष कुमार बताया गया है. हालांकि उसका साथी मझौली गांव का गौतम कुमार अभी भी फरार है.
इस मामले में बिदुपुर थाने की पुलिस ने मोकामा रेल थाने के एसआइ सुनील कुमार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की है. मोकामा रेल थाने के एसआइ सुनील कुमार ने बताया कि बेउर जेल पटना से एक कैदी को ट्रेन से पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा था. उस कैदी की हत्या के उद्देश्य से बीते 26 फरवरी को उस पर ट्रेन में गोली चलायी गयी थी. हालांकि वह कैदी बाल बाल बच गया.
गोली गुड्स गार्ड को लगी थी. इस मामले में मोकामा रेल थाना कांड संख्या 14/21 दर्ज की गयी. पुलिस जांच में पता चला कि कैदी की हत्या की साजिश रचने में जिस सिम का प्रयोग किया गया था, उसे जेल में बंद कुख्यात तक इन दोनों शातिरों ने ही की थी.
बिदुपुर थाने के चकललुआ गांव का मनीष कुमार स्टॉल लगा कर सिम बेचने का काम करता था. बताया जाता है कि गांव के राजकिशोर मिश्रा नामक 67 वर्षीय व्यक्ति ने गौतम को आधार कार्ड का फोटो कॉपी कराने के लिए आधार कार्ड दिया था, लेकिन उसने दूसरे की तस्वीर लगा कर उसी आधार कार्ड की दस अतिरिक्त कॉपी निकलवा ली.
उसके आधार पर गौतम ने मनीष के यहां से 2000 रुपये देकर 10 सिम लिया था. यह सिम बेउर जेल में बंद कुख्यात तक पहुंच गयी. उसी सीम से बेउर जेल से राजस्थान के एक व्यवसायी से रंगदारी मांगी गयी थी. इसके अलावा एक अन्य आपराधिक मामलों में भी इस सिम का उपयोग किया गया था. पुलिस के अनुसार दूसरे के आधार कार्ड से फर्जी तरीके से सिम निकाल कर बेचने और उसका गलत उपयोग करने के मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है. शुक्रवार को उसे जेल भेज दिया जायेगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha