सक्षमता परीक्षा की बाध्यता समाप्त कर बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर मंगलवार को हजारों नियोजित शिक्षक सड़क पर उतर गये थे. पहले वे गर्दनीबाग धरनास्थल पर पहुंचे और फिर शाम में जमकर हंगामा किया. इससे पहले वे लोग सरकार व शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के खिलाफ प्रदर्शन किया. चुनावी वर्ष में नियोजित शिक्षकों के उग्र रूप देखते हुए प्रदेश के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उन्हें 15 फरवरी को वार्ता के लिए बुलाया है. इसके बाद नियोजित शिक्षकों ने 16 तक अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है.
इससे पहले अपनी मांगों को लेकर बिहार शिक्षक एकता मंच ने विधानमंडल के घेराव का आह्वान किया था. इसमें बिहार के हर जिले के नियोजित शिक्षक व पुस्तकालय अध्यक्ष शामिल हुए. शाम को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा से मिलने के लिए शिक्षकों का दल वीरचंद पटेल पथ पहुंचा. जहां उनकी मांग को रख लिया गया. हालांकि शिक्षक संतुष्ट नहीं हुए और फिर भाजपा कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. पुलिसकर्मियों ने हटाने की कोशिश की. लेकिन वे लोग नहीं हटे, तो उन पर लाठीचार्ज कर दिया गया. इसके बाद शिक्षकों की भीड़ को हटा दिया गया. इस घटना में कई शिक्षकों को चोटें आयी हैं. करीब एक दर्जन शिक्षकों को कोतवाली थाना लाया गया है.
Also Read: पटना में नियोजित शिक्षकों का जोरदार प्रदर्शन, भाजपा कार्यालय का किया घेराव, पुलिस ने किया लाठीचार्जबिहार शिक्षक एकता मंच के मीडिया प्रभारी केशव कुमार ने बताया कि जब तक दक्षता या पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण सभी नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा की बाध्यता को समाप्त कर बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने के साथ ही अन्य मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
-सभी नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के प्रावधान को समाप्त कर बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा मिले
-इच्छा के अनुसार तबादला का लाभ मिले
-अवकाश तालिका पूर्व की भांति लागू करना
-विद्यालय की समय सारणी 10 बजे से चार बजे तक करना
– अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा में बहाल रखते हुए प्रशिक्षित कराना
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा मामले पर विधानमंडल परिसर में कहा कि अगर वह परीक्षा पास नहीं करेंगे, तो उनकी नौकरी नहीं रहेगी, इस बारे में अंतिम निर्णय नहीं हुआ है.अभी शिक्षकों को घबराने की जरूरत नहीं है. अभी सरकार का अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. हालांकि समिति की अनुशंसा क्या है,मुझे जानकारी नहीं है. इसे देखा जायेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के पक्ष को भी सुना जायेगा.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आंदोलन से समस्या का समाधान नहीं होता है. शिक्षक उन बातों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसपर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. विधान सभा परिसर में मंगलवार को शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में मीडिया के द्वारा जो मामला सामने आया है, उसकी जांच होगी. उन्होंने कहा कि इसमें इधर-उधर करने में जो भी शामिल थे. उसकी जांच जरूरी है.