पटना. राज्य में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए पंचायत चुनाव कराना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है. 30 जून को मौजूदा त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के सभी जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसे देखते हुए राज्य सरकार इस मसले पर अध्यायदेश ला सकती है. इसे लेकर उच्च स्तर पर मंथन शुरू हो गया है. फिलहाल राज्य सरकार इससे जुड़े सभी पहलुओं और कानूनी पक्षों पर गहन विचार-विमर्श कर रही है.
विधि विभाग से भी इसे लेकर सभी कानूनी पहलुओं पर जानकारी प्राप्त की जा रही है, क्योंकि ऐसी परिस्थिति से निबटने के लिए पंचायती राज कानून में कोई ठोस प्रावधान का उल्लेख नहीं है. कोरोना की वजह से विधानसभा सत्र भी बुलाना संभव नहीं होगा, जहां से पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने से संबंधित कोई कानून पास कराया जा सके.
इन तमाम परिस्थितियों को देखते हुए सरकार अध्यायदेश लाने की तैयारी में हैं. इस पर सरकार 10 से 15 दिनों में ठोस निर्णय ले लिया जायेगा. अध्यायदेश लाने के पहले इसे कैबिनेट से पारित किया जायेगा. इसके बाद इस पर राज्यपाल के अंतिम हस्ताक्षर होंगे और यह अध्यायदेश लागू हो जायेगा.
इस बात की ज्यादा संभावना व्यक्त की जा रही है कि पंचायतों के मौजूदा जन प्रतिनिधियों को कार्यकाल को चुनाव तक के लिए बढ़ा दिया जाये. हालांकि, कुछ विभागीय लोग यह भी संभावना व्यक्त कर रहे हैं कि जन प्रतिनिधियों के कार्यकाल समाप्त होने पर इसे भंग करके उनके अधिकार संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया जाये. लेकिन, इसकी संभावना कम ही जतायी जा रही है.
अंतिम फैसला सरकार के स्तर पर ही लिया जायेगा और अध्यायदेश आने के बाद ही स्पष्ट होगा. कई सांसद, विधायक समेत अन्य जन प्रतिनिधि भी मौजूदा पंचायत स्तरीय जन प्रतिनिधियों के कार्यकाल को बढ़ाने की ही लगातार वकालत कर रहे हैं.
पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मसले पर राज्य सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है. इससे जुड़े सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. जल्द ही उचित निर्णय ले लिया जायेगा. कोरोना के हालात को देखते हुए फिलहाल चुनाव कराना संभव नहीं लग रहा है.
Posted by Ashish Jha