बिहार उत्पाद विभाग की पुलिस टीम बुधवार को शराब तस्करों का पीछा करते हुए यूपी में घुस गई. इस दौरान पुलिस टीम पर माफियाओं ने हमला कर दिया. तस्करों ने सबसे पहले गाड़ी में टक्कर मार दी. उसके बाद पथराव और रोड़ेबाजी की. जिसमें उत्पाद पुलिस की गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी और उत्पाद पुलिस को जान बचाकर भागना पड़ा. इस पथराव में इंस्पेक्टर व जवानों को चोटें भी आयी. घटना के बाद शराब माफिया मौके से फरार हो गए. वहीं, तरेया सुजान थाने की पुलिस ने उत्पाद पुलिस की गाड़ी को जब्त कर लिया. शराब तस्करी को लेकर दोनों राज्य की पुलिस और उत्पाद टीम में तल्खी बढ़ गयी है. यह पुरा मामला यूपी-बिहार के सीमावर्ती कुशीनगर जिला के तरेया सुजान थाना क्षेत्र के रामपुर बंगरा गांव की है.
उत्पाद टीम को देख शराब माफिया ने शुरू किया भागना
गोपालगंज के उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार ने इस संबंध में बताया कि एक स्कॉर्पियो कार से शराब की खेप गोपालगंज में आने की सूचना मिली थी. जिसके बाद उत्पाद टीम ने कुचायकोट थाना क्षेत्र में अपनी सीमा के अंदर पकड़ी चौराहा पर नाकेबंदी की हुई थी. इसी दौरान शराब तस्करों ने उत्पाद टीम को देख भागना शुरू कर दिया.
खुद को घिरा देख कर भागी पुलिस
उत्पाद पुलिस ने भी तस्करों का पीछा शुरू कर दिया. इस दौरान टीम जब रामपुर बंगरा पहुंची तो वहां गाड़ी सड़क पर फंस गयी. वाहन फंसते ही शराब माफियाओं ने फोन कर कुछ असामाजिक तत्वों को बुला लिया और फिर सब ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पथराव और रोड़ेबाजी शुरू कर दी. स्थिति को देख उत्पाद पुलिस को गाड़ी वहीं पर छोड़कर लौटना पड़ा और इसकी सूचना यूपी के तरेया सुजान थाने की पुलिस को दी गयी.
बॉर्डर इलाके में चौकसी बढ़ी
इस घटना के बाद यूपी पुलिस ने उत्पाद पुलिस की क्षतिग्रस्त गाड़ी को छोड़ने से इंकार कर दिया. जिसके बाद कुशीनगर और गोपालगंज दोनों जिलों के डीएम व एसपी को पहल करनी पड़ी, फिर यूपी पुलिस ने गाड़ी को छोड़ दिया. वहीं इस मामले में दोनों राज्यों की पुलिस और उत्पाद टीम में तनातनी देख बॉर्डर इलाके में चौकसी बढ़ा दी गयी है. एसपी स्वर्ण प्रभात का कहना है कि यूपी का सीमावर्ती इलाका खुला हुआ है और शराब तस्कर आसानी से प्रवेश कर जाते हैं. शराब तस्करी रोकने के लिए पुलिस हर कदम उठाने को तैयार है.
कटेया पुलिस से हुई थी नोंकझोक
बता दें कि पिछले सप्ताह 21 दिसंबर की रात कटेया थाने की पुलिस की यूपी के तमकुही थाने की पुलिस के साथ नोंकझोक हो गयी थी. इस दौरान भी पुलिस की नोंकझोक में शराब माफिया फरार हो गए थे. उस वक्त भी कटेया पुलिस शराब माफियाओं का पीछा करते हुए यूपी में प्रवेश कर गयी थी. घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
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बिहार में वर्ष 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. यहां शराब बनाना, बेचना, पीना व तस्करी करना कानूनन अपराध है. वहीं यूपी में शराबबंदी नहीं है, इसलिए सीमावर्ती इलाके के माफिया लाइसेंसी दुकानों से शराब की खेप बिहार के गोपालगंज समेत अन्य जिलों में भेजते हैं. यूपी पुलिस और उत्पाद विभाग का सहयोग नहीं मिलने पर पुलिस बड़े माफियाओं पर कार्रवाई नहीं कर पा रही. हर रोज तस्करी का खेल जारी है.
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