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50 हजार के इनामी अपराधी को 50 घंटे भी कैद नहीं रख पायी पुलिस, बिहार से फरार हो गया कुख्यात, कहां हुई चूक, अब हो रही जांच

रवि गोप को जमानत मिलने की खबर मिलने की बात को रेंज आइजी संजय सिंह ने काफी गंभीरता से लिया है और सिटी एसपी (पश्चिमी) अशोक मिश्रा से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है.

पटना. दीघा के कुख्यात रवि गोप को एसटीएफ की टीम ने दो साल बाद गिरफ्तार कर जेल भेजने में सफलता पायी थी. लेकिन, कुख्यात को मात्र 24 घंटे के अंदर ही रंगदारी के एक मामले में जमानत हो गयी और 48 घंटे में जेल से निकल कर फरार हो गया.

एसटीएफ की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर रवि गोप को सात दिसंबर की रात अथमलगोला में अपनी ही शादी समारोह में शादी के मंडप से पकड़ा था.

इधर, रवि गोप को जमानत मिलने की खबर मिलने की बात को रेंज आइजी संजय सिंह ने काफी गंभीरता से लिया है और सिटी एसपी (पश्चिमी) अशोक मिश्रा से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. लेकिन, इस मामले में तय है कि जो भी पुलिस पदाधिकारी की इसमें लापरवाही सामने आयेगी, उनका सस्पेंड होना तय है.

जमानत अर्जी में लगाया था समझौता पत्र :

सात दिसंबर को पकड़े जाने के बाद रवि गोप को जेल भेज दिया गया. आठ दिसंबर को दानापुर कोर्ट में रवि गोप की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गयी.

इसमें जिससे रंगदारी मांगी गयी थी, उसका समझौता पत्र लगा दिया गया. इस आधार पर कोर्ट ने जमानत दे दी. नौ दिसंबर को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिलीज ऑर्डर फुलवारीशरीफ जेल पहुंचा. इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे छोड़ दिया.

अपहरण व हत्या के एक केस का भी आरोपित है रवि गोप : कुख्यात रवि गोप के खिलाफ दानापुर के नासरीगंज के एक युवक का अपहरण कर हत्या करने का भी आरोप है. इस संबंध में दानापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज है.

एसटीएफ ने रवि गोप को गिरफ्तार किया और रंगदारी के एक मामले में पुलिस ने जेल भेज दिया. रवि गोप को रंगदारी के मामले में तो जमानत मिल गयी, लेकिन दानापुर के अपहरण व हत्या के मामले में जमानत नहीं मिली है. इस केस में पुलिस उसके घर की कुर्की-जब्ती भी कर चुकी है.

जेल सुपरिटेंडेंट ने कहा- नहीं आया था प्रोडक्शन वारंट : बेऊर व फुलवारी जेल के अधीक्षक सत्येंद्र सिंह ने बताया कि रवि गोप के संबंध में प्रोडक्शन वारंट नहीं आया था. अगर वारंट आता, तो फिर वह कैसे रिहा कर दिया जाता? वह सोमवार को सुबह में आठ बजे जेल से छोड़ा गया था.

उन्होंने बताया कि कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट आता है. अगर कोई बंदी उनके यहां होता है, तो उस पर आगे की कार्रवाई होती है और नहीं होने पर वारंट को वापस लौटा दिया जाता है.

आखिर कहां हो गयी चूक, चल रही जांच

इस पूरे मामले की जांच की जा रही है कि आखिर कहां चूक हो गयी? इसके साथ ही यह भी पता किया जा रहा है कि प्रोडक्शन वारंट जेल प्रशासन को भेजा गया था या नहीं? हालांकि इस मामले में आइजी ने रिपोर्ट मांगी है.

रिपोर्ट में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जायेगी. इस संबंध में एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा से बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन बात नहीं हो पायी. सिटी एसपी पश्चिमी अशोक मिश्रा ने भी फोन रिसीव नहीं किया.

मुख्तार अंसारी की तरह बनना चाहता है

कुख्यात रवि गोप के जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद नेपाल भागने की आशंका है. यह बात पुलिस की जांच में भी सामने आयी है. इधर पुलिस ने रवि गोप के फेसबुक को भी खंगाला.

उसने अपने फेसबुक एकाउंट में किये गये एक पोस्ट में यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी का फोटो लगा रखा था. इसके साथ ही उसने बगल में अपनी फोटो भी लगा रखी थी. इस फोटो के कारण ऐसा माना जा रहा है कि वह मुख्तार अंसारी की तरह बनना चाहता है.

Posted by Ashish Jha

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