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बिहार शिक्षक भर्ती: बीएड अभ्यर्थियों को राहत देंगे चीफ जस्टिस? जानिए किस आधार पर पेश हो सकता है दावा..

बिहार शिक्षक भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी कक्षाओं के लिए अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 20 अक्टूबर को की जाएगी. चीफ जस्टिस के बेंच में यह सुनवाई होगी. जानिए किस आधार पर दावा पेश किया जा सकता है.

Bihar Teacher B.Ed News: बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. हाल में ही करीब पौने दो लाख पदों के लिए बीपीएससी की ओर से शिक्षक भर्ती परीक्षा ली गयी. इस परीक्षा का परिणाम (Bihar Teacher Exam Result ) भी अब जल्द ही आने वाला है. इस बीच सबसे बड़ी समस्या बीएड अभ्यर्थियों के आगे आ गयी है. सुप्रीम कोर्ट के एक फरमान के बाद बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी कक्षाओं के लिए पात्र नहीं माना गया है. जिसके बाद बिहार में शिक्षक बहाली परीक्षा में शामिल 3.9 लाख बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों के भाग्य का फैसला अधर में लटका हुआ है. बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अब इस मामले में बड़ी सुनवाई 20 अक्टूबर को होने वाली है. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से यह अनुरोध किया जा रहा है कि बड़ी तादाद में बीएड अभ्यर्थियों ने हाल में आयोजित परीक्षा में हिस्सा लिया है. अब उनके रिजल्ट को रोकने का फैसला कानूनी पेंच की वजह से लेना पड़ा है. इससे उन्हें राहत मिले. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अब मुख्य न्यायाधीश के बेंच में इस मामले की सुनवाई होने वाली है.

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस करेंगे फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने बीते शुक्रवार यानी 13 अक्टूबर को बीएड अभ्यर्थियों के मामले में सुनवाई की. बीपीएससी की ओर से प्राथमिक शिक्षक के करीब 79 हजार पदों पर चल रही बहाली प्रक्रिया में बीएड अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर दायर रिट याचिका की सुनवाई शुक्रवार को जस्टिस एएस बोपन्न और एम सुंदरेश की खंडपीठ में हुई. याचिकाकर्ता बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव व मीकू पाल की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, वर्धमान कौशिक, निशा तिवारी ने कोर्ट में अपनी दलील पेश की. उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि आखिर किस आधार पर बीएड अभ्यर्थियों के पक्ष में बिहार के मामले में फैसला सुनाना गलत नहीं होगा. हालांकि इस मामले की सुनवाई अब मुख्य न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचुड़ करेंगे.

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जानिए किस मामले को आधार बनाया जा रहा..

बता दें कि जब शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की गयी थी तो याचिकाकर्ता के वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि छत्तीसगढ़ के इसी तरह के मामले में कोर्ट ने बहाली प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की हरी झंडी दी थी, ऐसे ही हालात बिहार के इस मामले में है. इसलिए इसके पक्ष में फैसला देने का अनुरोध बेंच से किया गया. लेकिन इस दलील पर जस्टिस बोपन्न व एम सुंदरेश की खंडपीठ ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचुड़ के पास भेज दिया. अब अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी. इस कारण अब भी बीएड अभ्यर्थियों की उम्मीद अभी बाकी है.

क्या है छत्तीसगढ़ में शिक्षक बहाली का मामला..

मालूम हो कि इससे पहले जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने राजस्थान के मामले में कक्षा एक से पांच तक में बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को पढ़ाने के लिए अयोग्य ठहराया था और एनसीटीइ के उस गजट को निरस्त कर दिया था, जिसमें प्राथमिक शिक्षण के लिए बीएड के अभ्यर्थियों को योग्य समझा था.बता दें कि छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों के 6500 पदों पर भर्ती से जुड़े मामले में भी अदालत का पेंच फंसा था. सहायक शिक्षकों के पदों के लिए बीएड और डीएड अनिवार्य किया गया था. लेकिन परीक्षा के बाद डीएड अभ्यर्थियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और बीएड अभ्यर्थियों को बहाली से बाहर रखने की मांग की थी. इसमें उन्होंने कोर्स में प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की खास ट्रेनिंग को आधार बनाया था. 21 अगस्त को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड करने वालों की काउंसिलिंग और अंतिम चयन सूची जारी करने पर अंतरिम रोक लगायी थी. वहीं मामला सर्वोच्च अदालत पहुंचा तो राज्य हाईकोर्ट के इस अंतरिम आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट के 21 अगस्त को दिए अंतरिम आदेश पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस अंतरिम आदेश से जारी भर्ती प्रक्रिया अब बाधित हो गयी है जो उचित नहीं है. वहीं पीठ ने यह भी स्पष्ट किया था कि नियुक्तियां हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन होंगी.

बिहार के मामले में पटना हाईकोर्ट का फैसला

बता दें कि पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने एक मामले की सुनवाई में साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में स्पष्टता की कोई कमी नहीं है. सभी जजमेंट का नेचर एक समान है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने भी डीएलएड को ही प्राइमरी कक्षाओं के लिए योग्य माना है और बिहार सरकार की अनुरोध याचिका को खारिज किया था.

नयी बेंच में केस को फिर से सुना जायेगा

बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक बहाली परीक्षा में शामिल 3.9 लाख बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों के भाग्य पर फैसले का इंतजार फिर से बढ़ गया है. सुप्रीम कोर्ट में अगले सप्ताह नयी बेंच में केस को फिर से सुना जायेगा. याचिकाकर्ता दीपांकर गौरव ने उम्मीद जतायी कि सुप्रीम कोर्ट बीएड अभ्यर्थियों के साथ न्याय करेगा और इस बहाली में बीएड योग्यताधारियों को मौका अवश्य मिलेगा.

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