Bihar: 18 से 50 आयु वर्ग के बेरोजगार लोगों को रोजगारपरक बनाने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत राशि प्रदान की जाएगी. उद्योग विभाग द्वारा 50 प्रतिशत तक अनुदान के साथ दस लख रुपये तक का ऋण दिए जाने का प्रावधान है.
उद्योग विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत ऋण लेने वाले आवेदक को बिहार का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है. अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को अन्य के मुकाबले अधिक प्राथमिकता दी जाएगी. आवेदक के पास कम से कम इंटरमीडिएट, आईटीआई,पालिटेक्निक या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए.
उम्र सीमा
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की लाभ उठाने के लिए आवेदकों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष जबकि अधिकतम 50 वर्ष निर्धारित की गई है. आवेदक के पास एक व्यक्तिगत चालू खाता होना चाहिए. जहां स्वीकृत राशि आरटीजीएस के माध्यम से भेजी जा सके. स्वामित्व के लिए फार्म उद्यमी के व्यक्तिगत पैन का होना अनिवार्य है. चालू खाता प्रस्तावित फार्म के नाम पर होना चाहिए.
1 जुलाई से शुरू होगी प्रक्रिया
जारी अधिसूचना के अनुसार आवेदक को अपनी खुद की फार्म या कंपनी स्थापित और रजिस्टर्ड करनी होगी. विकल्पों में स्वामित्व साझेदारी या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी संरचनाओं शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया एक जुलाई से शुरू कर दी जाएगी. विभागीय निर्देश के अनुसार आवेदकों की चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
84 किस्तों में लौटा सकते हैं राशि
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत लोगों को 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा. शेष राशि ब्याज रहित ऋण दिया जाता है. सात साल यानी 84 किस्तों में राशि लौटानी होगी. पहली किस्त की राशि से उद्योग लगाने के लिए शेड निर्माण बिजली और सुरक्षा के संसाधन उपलब्ध करना है. दूसरी किस्त की राशि से मशीन लगाना है.
तीसरी किस्त की राशि लगाई गई मशीन के ट्रायल के बाद कार्यशील पूंजी के तौर पर दी जाएगी. ताकि उत्पादन शुरू करने में किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. उद्योग विभाग द्वारा इस योजना के लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई है. बिहार के बेरोजगार युवा इस योजना का लाभ उठाकर उद्योगपति बन सकते हैं.