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बिहार में गर्मी अब बढ़ेगी! फरवरी में इन 4 शहरों की हवा रही जहरीली, जानिए मौसम विभाग की रिपोर्ट..

Bihar Weather: बिहार में गर्मी अब बढ़ेगी, ऐसा अनुमान मौसम विभाग का है. जानिए प्रदूषण को लेकर क्या है जानकारी..

Bihar Weather AQI: बिहार में गर्मी अब बढ़ सकती है. बिहार का मौसम लगातार करवट बदल रहा है. पटना और आसपास के मौसम में एक बार फिर से परिवर्तन हो सकते हैं. उत्तर-पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विछोभ विकसित हो रहा है. जिसका असर चार दिनों के बाद देखने को मिल सकता है. इसके कारण 13-14 मार्च को पछुआ हवा से तापमान में परिवर्तन हो सकता है. वहीं प्रदूषण को लेकर एक चिंताजनक जानकारी सामने आयी है. फरवरी महीने में बिहार के चार शहरों में प्रदूषण की मार काफी अधिक पायी गयी.

पटना व आसपास का मौसम

मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल चार दिनों तक पटना व आसपास के क्षेत्रों में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है और वर्तमान में सतही पछुआ हवाएं चल रही हैं. शनिवार को पटना शहर का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 28.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री वृद्धि के साथ 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

कब से बढ़ेगी गर्मी?

भागलपुर जिले में दिन रात दो तरह का तापमान रह रहा है. शाम से लेकर सुबह तक हल्की ठंड बरकरार है. जबकि दिन में मौसम काफी शुष्क रहता है. शनिवार का अधिकतम तापमान 27.5 डिग्री व न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री रहा. बीएयू सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अनुसार, 10 से 14 मार्च के बीच भागलपुर में अधिकतम तापमान में वृद्धि बनी रहेगी. न्यूनतम तापमान में 12 मार्च से वृद्धि हो सकती है. इस दौरान आसमान साफ रहेगा. इस दौरान पश्चिमी हवा चलने की संभावना है, हवा की औसत गति 2 से 5 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है. अभी बारिश की संभावना नहीं है.

देश के 10 प्रदूषित शहरों में बिहार के ये शहर शामिल..

भागलपुर जिले में फरवरी के दौरान भी वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब रही. सेंटर फॉर एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरइए) की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2024 में भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से चार बिहार में थे. इनमें भागलपुर सातवें स्थान पर रहा. वहीं अररिया दूसरे, बक्सर आठवें और छपरा 10वें स्थान पर रहा. राजधानी पटना देश में 29वां सबसे प्रदूषित शहर रहा.

प्रदूषण की वजह जानिए..

प्रदूषण का मुख्य कारण हवा में सूक्ष्म धूलकण की अधिक मात्रा रही. गंगा व कोसी नदी बेसिन से हवा के साथ भारी मात्रा में बालू व मिट्टी उड़कर शहरों में फैल जाती है. इससे एलर्जी व श्वसन से जुड़ी बीमारी बढ़ती है. हालांकि मार्च में वायु प्रदूषण की स्थिति में काफी सुधार आया है. दियारे पर अधिकांश जगहों पर गेहूं समेत अन्य रबी की फसल लगी है. इससे धूल आने की मात्रा काफी कम हुई है. शनिवार को शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहा कचहरी चौक का अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स एक्यूआइ 113 रहा. हालांकि फसल कटने के बाद पछिया हवा के साथ फिर से काफी धूल शहर में जमा होने लगेगी.

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