बिहार: मुजफ्फरपुर में भीषण गर्मी हर दिन नया रिकॉर्ड बन रही है. गुरुवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. मौसम विभाग के आंकड़े के अनुसार, नौ साल पर 8 मई को रिकॉर्ड गर्मी दर्ज की गयी है. इससे पहले 8 मई 2015 को अधिकतम तापमान 42.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. गुरुवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 5.4 डिग्री अधिक रहा. मौसम विभाग ने तापमान में वृद्धि पर पहले ही अलर्ट किया था. फिलहाल हालत यह है कि लोग भीषण गर्मी से उबल रहे हैं. घर, बाजार, दफ्तर के अलावा सभी जगहों पर लोग बेचैन हैं. घर से बाहर कदम रखते ही शरीर जल रहा है. बाजार में लोग कुछ कदम चलने के बाद छांव की तलाश कर रुक जाते हैं. सड़कों पर सुबह 11 बजे के बाद भीड़ कम होने लगती है. लोगों का कहना है कि 42 डिग्री तापमान में एसी भी काम नहीं कर रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक चिलचिलाती धूप व गर्मी का सामना करना पड़ेगा.
वर्ष – तापमान
2023 – 42.0
2022 – 35.0
2021 – 33.1
2020 – 34.5
2019 – 36.2
2018 – 37.7
2016 – 35.0
2015 – 42.7
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प्रचंड गर्मी में पानी के कारोबार तेजी से बढ़ने लगा है. प्रभात पड़ताल के अनुसार बीते एक महीने में शहर में जार से जुड़े पानी के कारोबार में ढ़ाई गुणा की बढ़ोतरी हुई है. आम दिनों में शहरी क्षेत्र में घरों से लेकर दुकान व दफ्तरों में 1 से 1.2 लाख लीटर तक पानी की खपत होती है. भीषण गर्मी पड़ने के कारण खपत का आंकड़ा 2 से 2.5 लाख लीटर तक पहुंच गयी है. नगर निगम प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार शहरी क्षेत्र में पानी के कारोबार से जुड़े 50 प्लांट है. बीते अप्रैल महीने तक प्रतिदिन प्रत्येक प्लांट से औसत 100 से 110 जार की सप्लाई घरों से लेकर दुकान व दफ्तरों में हो रही थी. फिलहाल प्रति प्लांट जार की डिमांड 200 से अधिक हो गयी है. इसके अलावे करीब 10 ऐसे प्लांट भी चल रहे है. जो नगर निगम से पंजीकृत नहीं है. जानकारी के अनुसार प्रति जार 20 रुपये से लेकर 25 रुपये तक का बाजार रेट है.
मौसम विभाग की मानें तो बिहार वासियों को जल्दी ही इस प्रचंड गर्मी से राहत मिलने की संभावना है. ऐसा अनुमान है की 15 जून तक मानसून बिहार में दस्तक देने वाला है. मानसून के आने से लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही फसल के लिए पानी का इंतजार कर रहे किसानों के लिए भी यह एक राहत भरी खबर हो सकती है.