शेखपुरा.
शहर के दल्लू चौक स्थित इंडियन बैंक में मर्ज इलाहाबाद बैंक शाखा के 53 गोल्ड लोन ग्राहकों का आभूषण लौटने में कानूनी बाधाएं सीना ताने खड़ा है. दरअसल इस मामले में जिला न्यायालय ने बैंक को दो – दो करोड़ रुपये के पर्सनल सिक्योरिटी बांड के साथ जमानतदार एवं दो करोड़ रुपये की इम्युनिटी सिक्योरिटी बांड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. जिला न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देश के पालन के बाद ही इस घटना में जब्त सोने के आभूषण को रिलीज किया जा सकेगा. दरअसल 29 मई 2024 को बैंक शाखा के लॉकर में रखें लगभग तीन किलो सोने के आभूषण की चोरी कर ली गयी थी. इस घटना में 1 जून को एसपी बलीराम चौधरी ने खुलासा करते हुए दो किलो 113.24 ग्राम सोना को बरामद कर कांड का उद्वेदन कर लिया था. घटना क्रम सीसीटीवी में कैद होने के बाद इस मामले में बैंक के ही कैशियर व पटना के दरियापुर निवासी अजय कुमार रजक एवं शेखपुरा के अरियरी गांव निवासी अस्थाई कर्मी सुनील यादव को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपित सुनील के साले रंजीत के घर से यह आभूषण बरामद किया था. रंजीत यादव की पहचान नालंदा जिला के सरमेरा थाना के मोहनपुर गांव निवासी के रूप में हुई थी. इस चोरी में रंजीत के गांव का सहयोगी कुंदन चौहान की भी पहचान हुई थी. करीब 5 माह बीत जाने के बाद भी गोल्ड लोन के ग्राहकों के समक्ष आभूषण को वापस पाना एक बड़ी चुनौती बन गयी है.गोल्ड लोन चुकाने के बाद भी नहीं मिल रहा आभूषण :
शहर के चांदनी चौक निवासी अविनाश कुमार ने बताया कि इलाहाबाद बैंक शाखा दल्लू मोड़ से उन्होंने गोल्ड लोन लिया था. गोल्ड लोन की राशि जमा करने के महीनों बाद उन्हें आभूषण नहीं मिल पा रहा है. उनके घर में शादी है, शादी में आभूषण की सख्त जरूरत है. लेकिन आभूषण नहीं मिलने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है. शाखा प्रबंधक शक्ति कुमार ने बताया कि इस घटना में बैंक तिजोरी के अंदर रखें 101 पैकेट स्वर्ण आभूषण 53 गोल्ड लोन धारकों का था. प्रतिदिन 10 से अधिक बैंक उपभोक्ता अपने आभूषण लेने के लिए शाखा का चक्कर लगा रहे हैं.रिव्यू पिटिशन दाखिल करेगा बैंक :
जोनल ऑफिस गया में डेस्क अधिकारी अजीत कुमार ने फोन पर बताया कि स्वर्ण आभूषण चोरी की घटना में बरामद आभूषण को न्यायालय से रिलीज करने की कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में जिला बैंक के कॉर्पोरेट ऑफिस ने जिला न्यायालय के आदेश के आलोक में पुनः रिव्यू पिटिशन डालने का आदेश दिया है. चुकी यह व्यक्तिगत नही बल्कि संस्था का मामला बनता है ऐसे में बैंक सिर्फ दो करोड़ रुपये की इम्युनिटी सिक्योरिटी बांड जमा कराने को तैयार है. इसी मांग को लेकर यहां रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की सलाह उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ने दिया है. दो दिनों के बाद यह पिटीशन दाखिल कर दिया जायेगा. यहां पिटीशन खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय पटना में मामले को ले जाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कॉरपोरेट ऑफिस के निर्देश पर दो दिनों में रिव्यू पिटीशन एक बार फिर जिला न्यायालय में दाखिल किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है