शेखपुरा. मुसहर जाति का प्रमाण देकर शेखपुरा नगर सभापति पद पर काबिज हुई रश्मि कुमारी की जाति प्रमाण पत्र फर्जीवाड़ा के मामले में अब मुख्य पार्षद कुर्सी खतरे में पड़ गयी है.नगर सभापति की कुर्सी गिरनी अब लगभग तय मानी जा रही है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में नगर सभापति रश्मि कुमारी को नोटिस भेजकर 12 सितंबर को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. शेखपुरा नगर परिषद का चुनाव लगभग दो साल पहले हुआ था. जिसमें नगर सभापति का पद अनुसूचित जाति महिला के लिये आरक्षित था. इसमें रश्मि कुमारी नगर सभापति पद के लिये निर्वाचित हुई थी. लेकिन, इस पद की प्रत्याशी रही शुक्ला देवी ने चुनाव के दौरान सिम्बोल आवंटन होते ही रश्मि कुमारी के जाति प्रमाण पत्र संबंधी दस्तावेज को फर्जी बताते हुए इस संबंध में लिखित आवेदन सौंप मुद्दा उठाया था. नगर सभापति की कुर्सी पर जीत हासिल करने वाली रश्मि कुमारी ने अपने दस्तावेज में अपनी जाति मुसहर बतायी थी. वहीं,इसकी जांच की मांग करने वाली मुख्य पार्षद प्रत्याशी रही शुक्ला देवी भी इसी जाति से संबंध रखती हैं. शुक्ला देवी के इस मांग को देखते हुए विधायक ने इस संबंध में पटना के डीएम चन्द्रशेखर सिंह से इस मामले की जांच के लिये पत्र लिखा था.
फर्जी दस्तावेज के आधार पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत कराने का खुलासा
पटना डीएम के निर्देश के आलोक में इसकी जांच पटना सिटी एसडीओ ने की थी. उन्होंने जांच प्रतिवेदन में परिवादी शुक्ला देवी के शिकायत के आलोक में बताया था कि अंचल कार्यालय दनियावां से निर्गत जाति प्रमाण पत्र जो रश्मि कुमारी, पिता महेन्द्र प्रसाद, माता-बचनमा देवी, ग्राम,पोस्ट सलारपुर, जिला पटना के नाम पर प्रमाण पत्र निर्गत है, जो फर्जी दस्तावेज के अनुसार बनवायी गयी है. इस मामले की जांच कर अंचलाधिकारी दनियावां ने जांचोपरांत दनियावां सीओ ने रश्मि कुमारी के कथित पिता महेन्द्र मांझी समेत अन्य परिवार वालों का लिखित बयान के आधार पर सीओ ने रश्मि कुमारी का जाति प्रमाणपत्र फर्जी करार देते हुए निरस्त कर दिया था. साथ ही इस मामले में रश्मि कुमारी के विरुद्ध दनियावां थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी.
अपना पक्ष रखने को निर्वाचन आयोग ने बुलाया
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