राजगीर. नवम्बर महीने में राजगीर अनुमंडल व जिले में पैक्स का चुनाव होना तय है. इसकी प्रशासनिक के साथ चुनाव लड़ने वाले भी तैयारी में जुट गये हैं. पैक्स कमेटियों के सदस्य बनने के लिए बड़ी संख्या में लोग जिला सहकारिता विभाग का दरवाजा खटखटा रहे हैं. वर्तमान पैक्स अध्यक्षों के रवैया को लेकर आवेदकों में लगातार असंतोष बढ़ते जा रहा है. पैक्स सदस्य बनकर वर्तमान अध्यक्ष को चुनौती देने के लिए अभी से लोग तैयारी कर रहे हैं. ज्ञात हो कि पैक्स कमेटी के सदस्य ही पैक्स अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करते हैं, जो पैक्स समिति के सदस्य नहीं होंगे वे मतदान नहीं कर सकते हैं. इसीलिये नये सदस्य बनने के लिए होड़ लगी है. लेकिन सदस्य बनने के लिए आवेदक के आवेदन पर पैक्स अध्यक्ष की सहमति का हस्ताक्षर होना आवश्यक कर दिया गया है. अगर पैक्स अध्यक्ष आवेदक के आवेदन पर अपना हस्ताक्षर और मुहर नहीं लगते हैं, तो इसका मतलब है कि पैक्स अध्यक्ष किसी बिंदु पर असहमत हैं. पैक्स अध्यक्ष के असहमत होने के बाद उनके खिलाफ इसकी अपील जिला सहकारिता विभाग में करने का प्रावधान है. यहां आवेदक के पक्ष में सुनवाई का प्रावधान है. अनुमंडल व जिले के कई पैक्सों में इस तरह की लगातार शिकायत आ रहे हैं. कहा जाता है कि जिला सहकारिता दो गुट में विभाजित है। दोनों गुट द्वारा जिला सहकारिता पर आगामी चुनाव में कब्जा जामाने की फिराक में शतरंज की चाल चली जा रही है. जिला सहकारिता पदाधिकारी ही सहायक निबंध होते हैं. नये पैक्स सदस्य बनाने का दायित्व सहायक निबंधक की है. कुछ दिन पहले तक जितने भी आवेदन डीसीओ सह सहायक निबंधक के पास आता था, बगैर जांच पड़ताल उसे आधार कार्ड के आधार पर सदस्य बना दिया जाता था. इस पर एक गुट द्वारा विरोध दर्ज किया गया. लेकिन डीसीओ ने उनकी बात को अनसुनी कर दी. आरोप लगाया गया था कि एक ही व्यक्ति द्वारा अलग – अलग नामों के हस्ताक्षरित आवेदन के आवेदक को पैक्स सदस्य बनाया जा रहा है. यह गलत है. इस गुट के लोगों ने सहकारिता मंत्री से मिलकर नालंदा डीसीओ से सहायक निबंधक का दायित्व छिनवाकर शेखपुरा डीसीओ को दिलवा दिया. सूत्रों के अनुसार नये पैक्स सदस्य बनने के लिए पैक्स अध्यक्ष का अनुशंसा अनिवार्य है. लेकिन पैक्स अध्यक्ष किसी मजबूत प्रतिद्वंद्वी को सदस्य बनने नहीं देना चाहते हैं. इसीलिये एक गुट सीधे डीसीओ तक पहुंच कर थोक भाव से सदस्य बनवा रहे थे. जितने भी आवेदन डीसीओ के पास आ रहे थे. उसे सदस्य बना रहे थे. इस पर सहकारिता अध्यक्ष एवं पैक्स अध्यक्षों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की और डीसीओ को सहायक निबंधक पद से हटवाकर शेखपुरा के डीसीओ को सहायक निबंधन बनवाया है.
— पैक्स सदस्य बनने के लिए आधार कार्ड जरुरी
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