बिहारशरीफ. सरकार द्वारा एससी एसटी एवं अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों को कृषि कार्य के अतिरिक्त मत्स्यपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित कर स्वरोजगार का सुनहरा अवसर प्रदान करने की योजना बनायी गयी है. मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र को स्वरोजगार में परिणत करने के लिये कई महत्वाकांक्षी योजना चलायी जा रही है. पांच एकड़ भूमि में तालाब निर्माण, टयूबवेल, पंपसेट व शेड निर्माण पर अनुदान दिया जाता है. न्यूनतम प्लांट चार एकड़ जल क्षेत्र में छह लाख बीस हजार रूपये खर्च किया जाना है. मत्स्य विभाग द्वारा जिले में 24- 25 वर्ष में निर्धारित लक्ष्य अति पिछड़ा वर्ग को छह यूनिट स्थापित करना है. अनुसूचित वर्ग के लिये दस यूनिट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस वर्ग के इच्छुक लाभुकों को मत्स्य विभाग में आवेदन देने की प्रक्रिया काफी धीमी है. इन योजनाओं पर सरकार द्वारा सत्तर प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. एक एकड़ में दस लाख दस हजार अनुमानित लागत है. इस पर सात लाख रूपये सरकार द्वारा दी जाती है. जिला मत्स्य पदाधिकारी शंभू कुमार ने बताया कि इस वर्ग के अधिकांश लोगों के पास भूमि उपलब्ध नहीं है. मत्स्य विभाग द्वारा नियम व शर्तें निर्धारित की गयी है कि भूमिहीन लाभुक दस वर्षों के लिये जमीन ले सकते हैं और इस जमीन का एकरारनामा तैयार कर आवेदन कर सकते हैं.
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