चेवाड़ा. चेवाड़ा प्रखंड के चकंदरा गांव में शेखपुरा जिले का सबसे पुराना भगवान विष्णु का मंदिर बना हुआ है. जहां भगवान विष्णु की आदमकद प्रतिमा स्थापित है. इस बेहद प्राचीन मंदिर के निर्माण के संबंध में चकंदरा गांव के ग्रामीणों को भी कोई विशेष जानकारी नहीं हैं. इस अति प्राचीन मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी भी पहल नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण इस अत्यंत प्राचीन मंदिर के संबंध में जिले के लोगों को भी कोई ख़ास जानकारी नहीं है. जबकि, इस मंदिर में स्थापित भगवान् विष्णु की प्रतिमा करीब साढ़े सात फीट उंची और साढ़े तीन फीट चौड़ी है. चकंदरा गांव में भगवान विष्णु मंदिर के प्रवेश द्वार दरवाजे का चौखट काले पत्थर से निर्मित है. जो कि प्राचीनता को प्रदर्शित करती है. चकंदरा गांव के निवासी नित्यानंद पंडित, शिवकुमार पासवान आदि ने बताया कि चकंदरा गांव स्थित विष्णु भगवान की मूर्ति प्राचीन है जो की यहां के लोगों को भी नहीं पता है कि यह मंदिर कब स्थापित की गई. उन्होंने बताया कि यहां ग्रामीण बेहद भक्ति भाव के साथ पूजा पाठ करते हैं.जिनसे उनकी हर मनोकामना पूरी होती है.जदयू नेता भगवान कुशवाहा ने कहा कि ग्रामीण लोगों का कहना है कि यह मंदिर को प्रशासनिक सहयोग मिल जाए तो यहां एक पर्यटक स्थल भी हो जाएगा. जिससे यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा. भगवान बिष्णु की आदमकद प्रतिमा बरबीघा के सामस गांव में भगवान बिष्णु की आदमकद प्रतिमा है. सामस बिष्णुधाम में स्थापित प्रतिमा साढ़े सात फीट ऊंची और साढ़े तीन फीट चौड़ी है. बिष्णुधाम न्यास समिति के अध्यक्ष डॉ कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह ने बताया कि देश की सबसे ज्यादा आय वाला तिरुमाला मंदिर में भगवान विष्णु प्रतिमा की पूरी ऊंचाई साढ़े छह फीट है. अब तक देश की सबसे ऊंची भगवान विष्णु की मूर्ति बरबीघा के सामस गांव में खुदाई के दौरान 1992 में मिली मूर्ति को होने का दावा किया जा रहा था. इधर, चेवाड़ा प्रखंड के चकन्दरा गांव में भी भगवान बिष्णु की स्थापित प्रतिमा की ऊंचाई और चौड़ाई बिष्णुधाम सामस के बराबर ही है. काले पत्थरों से निर्मित है मंदिर का चौखट चकंदरा गांव में सैकड़ो साल पुराने भगवान् विष्णु मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस मंदिर का चौखट काले पत्थरों से निर्मित है.जिसपर बेहद नक्काशी भरा काम किया हुआ है. यह बेहद अदभुत है. जो इसे अदितीय बनाता है. इसके साथ ही मंदिर की दीवारों पर अन्य देवी देवताओं की भी मूर्ति स्थापित है.
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