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बिहार: महाबोधि मंदिर में आंतकियों से निपटने के लिए अचानक दौड़ने लगे पुलिस के जवान, जानिए क्यों दिखाई चौकसी

Bihar News: महाबोधी मंदिर में पुलिस के जवान दौड़ते दिखाई दिए. हथियार से लैस एटीएस और एसटीएफ की टीम ने पहले महाबोधि मंदिर और आसपास के क्षेत्र का मुआयना किया था. इसके बाद आपातकाल से निपटने का हौसले का इन्होंने प्रदर्शन किया.

Bihar News: बिहार के गया में स्थित महाबोधी मंदिर में पुलिस के जवान दौड़ते दिखाई दिए. हथियार के साथ जवान लैस थे. एटीएस और एसटीएफ की टीम ने पहले महाबोधि मंदिर और आसपास के क्षेत्र का मुआयना किया. इसके बाद आपातकाल से निपटने के बेहतरीन हौसले का इन्होंने प्रदर्शन किया. ATS ने आंतकियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया है. बोधगया महाबोधि मंदिर में आतंकियों से निपटने के लिए एटीएस ने मॉक ड्रिल किया. बोधगया में आतंकियों के द्वारा बार- बार देश की सुरक्षा के चुनौती दिए जाने के बाद उन चुनौतियों से निपटने के लिए सुरक्षा कर्मी अपने को तैयार करने में जुट गए हैं. बुधवार की देर रात 11 बजे बोधगया के विश्वदाय महाबोधि मंदिर में एटीएस के साथ बिहार पुलिस के जवानों ने मॉक ड्रील किया. एटीएस की टीम अपने लॉव लस्कर के साथ देर रात महाबोधि मंदिर पहुंची और आतंकियों से निपटने के लिए अपनी चौकसी दिखाई. महाबोधि मंदिर के परिसर और आसपास के क्षेत्र में मोर्चा संभाला.

मीडियाकर्मियों को रखा गया दूर

अत्याधुनिक हथियार से लैस एटीएस और एसटीएफ की टीम पहले महाबोधि मंदिर और आसपास के क्षेत्र का मुआयना किया और आपातकाल से निपटने का हौसले का प्रदर्शन किया. देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए सुरक्षा कर्मियों ने अपनी गतिविधियों को कैमरे में कैद करने से मना कर दिया. इस दौरान मीडिया कर्मियों को दूर रखा गया. माॅक ड्रिल में आतंकी के द्वारा हमले और बम रखे जाने के बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा व बचाव की कवायद की गई. देर रात तक यह ऑपरेशन चला. मॉक ड्रिल में कई सुरक्षा चक्र बनाये गए. जिसके अंदर किसी को प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी. मीडिया को भी इस ऑपरेशन से दूर रखा गया.

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मंदिर के आसपास हुई हडकंप की स्थिति

मॉक ड्रिल शुरू होने के बीच मंदिर के आसपास हडकंप की स्थिति मच गई. लोगों ने तब राहत की सांस ली जब उनको यह पता लगा कि यह सारी कवायद मॉक ड्रिल का हिस्सा थी. मॉक ड्रिल के तहत वर्मा मोड़, गोदाम रोड, तारीडीह जाने वाले रास्ते, मस्तीपुर जाने वाले रास्ते, चाइना मंदिर के पास, बिरला धर्मशाला के पास, तिब्बत मोनेस्ट्री तथा जग्गनाथ मंदिर का पास कुल नौ प्वाइंटों पर नाकाबंदी किया गया. इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने मॉक ड्रिल करके अपनी ताकत को परखा. इस दौरान विपरीत हालात में आम नागरिकों को सुरक्षित किया और संदिग्धों को पकड़ने की कवायद की गई. सिटीएसपी हिमांशु और बोधगया एसडीपीओ सौरभ जयसवाल के नेतृत्व में यह मॉक ड्रिल हुआ. बतादें कि दलाई लामा के आगमन और बोधगया मेला में आने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा चक्र को अभेद्य बनाने के मद्देनजर सुरक्षा कर्मियों मॉक ड्रिल कर किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए अपनी ताकत को परखा है.

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जानिए क्यों होता है मॉक ड्रिल

मालूम हो कि मॉक ड्रिल का एक खास मकसद होता है. इसका मुख्य कारण जांच एजेंसियों और स्थानीय पुलिस की तत्परता की जांच करना होता है. समय- समय पर पुलिस के जवानों की ओर से मॉक ड्रिल किया जाता है. इससे पुलिस की तत्परता के साथ ही आंतकी गतिविधियों या परेशानी से निपटने की स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है. इससे पुलिस की कार्यशैली का भी पता चल जाता है. कई स्थानों को संवेदनशील जगह माना जाता है, जिसे गलत लोग अपना निशाना बनाते हैं. ऐसे में मॉक ड्रिल की आवश्यकता होती है. आने वाले समय में अगर कोई वारदात हुई तो ऐसी स्थिति में जवान तुरंत इससे निपट सकते हैं. वहीं, महाबोधि मंदिर के बारे में बता दें कि यहां अगस्त के महीने में फायरिंग की घटना भी हुई थी. यहां देश के अलावा विदेश से भी कई लोग पहुंचते है. इस कारण इस जगह की सुरक्षा को लेकर खास ख्याल रखा जाता है.

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