BPSC Teacher News: बिहार के दरभंगा में फर्जी शिक्षक धराया है. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से आयोजित शिक्षक परीक्षा में परीक्षा फल का ऐलान हुआ. इसके बाद शिक्षकों को पोस्टिंग भी दी गई है. शिक्षा विभाग के आदेश पर दरभंगा जिला में तीन जनवरी से चयनित विद्यालय अध्यापक का बायोमेट्रिक सत्यापन चल रहा है. उसी क्रम में दिनांक बहेड़ी प्रखंड अंतर्गत चयनित विद्यालय अध्यापक के बायोमेट्रिक सत्यापन हुआ. इसमें एक फर्जी शिक्षक पकड़ा गया है. जिसके बाद मौके पर तैनात प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी शिवशंकर कुमार ने लहेरियासराय थाना को लिखित आवेदन देते हुए इसे पुलिस के हवाले कर दिया है. बताते चले कि शिक्षक देवेन्द्र कुमार महतो मध्य विद्यालय खरारी, बालक, बहेड़ी में अध्यापक के रूप में योगदान एवं कार्यरत थे. वहीं, बायोमेट्रिक सत्यापन में यह फर्जी पाए गए है.
प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी शिवशंकर कुमार ने आवेदन दिया है. इसके माध्यम से उन्होंने जानकारी दी कि बहेड़ी प्रखंड अंतर्गत चयनित विद्यालय अध्यापक के बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान फर्जी विद्यालय अध्यापक देवेन्द्र कुमार महतो पकड़े गए है. आधार संख्या – 621103530364, BPSC रोल क्रमांक – 221192, टीचर आई. डी. – BPDAR2317107691 का बायोमेट्रिक का मिलान नहीं हुआ और ना ही फोटो का मिलान संभव हो सका है. पूछताछ के क्रम में अभ्यर्थी ने स्वीकार किया की उनके साथ आये एक अन्य व्यक्ति जिनका नाम नविन कुमार है. वह फर्जी अध्यापक देवेन्द्र कुमार महतो के जगह पर परीक्षा में बैठे थे. इस तरह से बीपीएससी की परीक्षा में इनके फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है.
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वहीं, उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि वह देवेन्द्र कुमार, पिता रामवतार महतो के जगह पर परीक्षा में बैठे थे. बायोमेट्रिक सत्यापन के क्रम में यह भी पाया गया कि नवीन कुमार ही परीक्षा में बैठे थे. उनके फोटो का भी मिलान हो चुका है. साथ ही प्रधानध्यापक के द्वारा भी यह स्वीकार किया गया है कि बायोमेट्रिक मिलान के दौरान जिस व्यक्ति का फोटो का मिलान हुआ है वह व्यक्ति विद्यालय में कार्यरत नहीं था. नवीन कुमार ने भी इस बात को लिखित रूप से स्वीकार करलिया है. इस मामले में फर्जी शिक्षक एवं उनके सहयोगी के पास से तीन लाख उनचालीस हजार रुपये बरामद हुए है. इनकी गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. साथ ही आगे की कार्रवाई में भी जुटी हुई है.
वहीं, इससे पहले दरभंगा जिले में ही नवनियुक्त पांच शिक्षकों द्वारा शिक्षा विभाग को दिया गया सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है. यह पांच शिक्षक बर्खास्तगी किए जा सकते है. बताया जाता है इन पांचों शिक्षकों द्वारा उत्तर प्रदेश के ग्लोबल यूनिवर्सिटी का सर्टिफिकेट दिया गया है. इसे बिहार के शिक्षा विभाग के द्वारा फर्जी करार दिया गया है. इन पांच शिक्षकों में इंद्रजीत कुमार सदर प्रखंड के सोनकी स्थित प्राथमिक विद्यालय जफरा में कार्यरत है. प्रीति कुमारी, मनीगाछी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर हरिजन ,बहादुपुर प्रखंड के छपरार स्थित मध्य विद्यालय में कार्यरत है. रिंकी कुमारी घनश्यामपुर प्रखंड के कोरथु प्राथमिक विद्यालय डीह मुसहरी में पोस्टेट है. वहीं, विमल कुमार चौधरी कुशेस्वरस्थान पूर्वी केवटगामा प्राथमिक विद्यालय ब्रहमोतर अनु.जाति में पदस्थापित है. जानकारी के अनुसार इन सभी पांचों शिक्षकों को विभाग ने शो कॉज जारी करते हुए तीन दिनों के भीतर जबाब देने के लिए पत्र जारी किया था. विधि सम्मत जबाब नही देने पर ऐसे शिक्षकों पर विधि सम्मत कार्यवाई करते हुए सेवा से बर्खास्तगी की बात कही गई थी. इस बारे में जिला शिक्षा प्रोग्राम पदाधिकारी ने जारी पत्र में कहा है कि यह सभी शिक्षक छठे चरण में 2019- 20 में बहाली हुआ था. इसके बाद इस चरण में नियोजित किये गए शिक्षकों का शैक्षनीक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों के जांच कराने का आदेश दिया गया था. इसी प्रमाण पत्रों के जांच के क्रम बीएड का प्रमाण पत्र 2018 में ग्लोबल यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश के सारणपुर जांच के लिए भेजा गया जिसे यूनिवर्सिटी ने फर्जी करार दे दिया है. वहीं, अब इन्हें बर्खास्त किया जा सकता है.
दरभंगा से सूरज की रिपोर्ट.
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