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BPSC शिक्षक भर्ती: फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर नौकरी ज्वाइन करने आई महिला, खुलासा होते ही हुई फरार

हाजीपुर में फर्जी नियुक्ति पत्र बनवाकर जिला शिक्षा कार्यालय में योगदान करने पहुंची एक फर्जी शिक्षिका का मामला सामने आया है. जिसके बाद डीईओ ने पातेपुर बीईओ को मामले की जांच कर आरोपी फर्जी शिक्षिका के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है.

हाजीपुर में गुरुवार को साइबर कैफे से बीपीएससी शिक्षक भर्ती का फर्जी नियुक्ति पत्र बनवाकर जिला शिक्षा कार्यालय में योगदान करने पहुंची. वहां उसने अपना नाम शाजिया खातून बताते हुए कहा कि उसने शिक्षक भर्ती परीक्षा पास की है और उसे पातेपुर प्रखंड के सैदपुर डुमरा पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बतौर शिक्षक नियुक्त किया गया है. लेकिन, फर्जी शिक्षिका की कारगुजारी पकड़ी गई. इसके बाद शिक्षा विभाग सकते में आ गयी. आनन – फानन में डीईओ ने पातेपुर बीईओ को मामले की जांच कर आरोपी फर्जी शिक्षिका के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है. वहीं जांच के दौरान नियुक्ति पत्र के फर्जी होने का पता चलते ही फर्जी शिक्षिका मौके से फरार हो गई.

पहले स्कूल में योगदान करने पहुंची थी महिला

प्राप्त जानकारी के अनुसार महुआ थाना क्षेत्र के मिर्जानगर गांव निवासी मो. सेराज की पुत्री शाजिया खातून हाल ही में पूरी हुई बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति के प्रथम चरण का फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पातेपुर प्रखंड के सैदपुर डुमरा पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में योगदान देने पहुंच गयी थी. योगदान की निर्धारित तिथि समाप्त होने का हवाला देते हुए विद्यालय के प्रधान शिक्षक ने योगदान कराने से इंकार कर दिया और नियुक्ति पत्र जिला कार्यालय से अग्रसारित करने को कहा. इसके बाद महिला गुरुवार को फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर डीईओ के पास पहुंच गई.

नियुक्ति पत्र पर सीरियल नंबर और रोल नंबर भी थे फर्जी

नियुक्ति पत्र को देखते ही डीईओ को महिला पर संदेह हुआ. साइबर कैफे से बनाए गए नियुक्ति पत्र पर 13 दिसंबर की तारीख अंकित थी, उस तिथि पर एक भी नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया था. इसके बाद जब डीईओ ने पटना कार्यालय से संपर्क किया तो नियुक्ति पत्र फर्जी निकला. बताया गया कि विभाग द्वारा जारी नियुक्ति पत्र पर दो क्यूआर कोड हैं जबकि महिला के नियुक्ति पत्र पर एक भी क्यूआर कोड नहीं था. वहीं, सीरियल नंबर और रोल नंबर भी जांच में फर्जी पाया गया.

महुआ के एक साइबर कैफे से बना था फर्जी नियुक्ति पत्र

पूछताछ के दौरान महिला ने बताया कि महुआ बाजार के पातेपुर रोड स्थित शर्मा साइबर कैफे संचालक ने पैसे लेकर महिला का फर्जी शिक्षक नियुक्ति पत्र बनाया है. महिला का कहना है कि साइबर कैफे संचालक ने मुजफ्फरपुर के एक और शिक्षक का फर्जी नियुक्ति पत्र बनाया है. हालांकि, इससे पहले कोई कार्रवाई होती महिला मौके से फरार हो गई. वहीं, महिला के बयान के आधार पर आनन फानन में डीईओ ने पातेपुर बीइओ को मामले की जांच करने का आदेश दिया. वहीं यह मामला संज्ञान में आते ही डीएम ने तत्काल इसकी जांच की जिम्मेदारी महुआ एसडीओ को सौंपी है.

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क्या कहते है अधिकारी

हाजीपुर के डीईओ बीरेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि पातेपुर प्रखंड के सैदपुर डुमरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पदस्थापन का पत्र लेकर एक महिला शिक्षिका शाजिया खातून गयी थी. लेकिन प्रधान शिक्षक ने उसे अग्रसारित कराने के लिए जिला कार्यालय भेजा था. पहली नजर में ही पदस्थापन पत्र के फर्जी होने का शक होने पर विभागीय स्तर पर जांच की गयी तो पत्र पूरी तरह फर्जी पाया गया है. पूछताछ के दौरान पता चला है कि महुआ के एक शर्मा साइबर कैफे से फर्जी नियुक्ति पत्र निर्गत किया गया था. पातेपुर बीइओ को जांच कर इस मामले में महिला के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. नियुक्ति पत्र पर एक भी क्यूआर कोड अंकित नहीं था. साइबर कैफै संचालक पर भी कार्रवाई के लिए अधिकारिक तौर पर निर्देश दिया गया है.

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