BPSC topper Success Story: बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) 68वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. टॉप फाइव में तीन व टॉप टेन में छह लड़कियां शामिल हैं. इसमें पटना सिटी के संदलपुर की संकीर्ण गलियों में देवी स्थान के पास रहने वाली प्रियांगी मेहता टॉपर बनी हैं. मध्यम वर्गीय परिवार की बेटी प्रियांगी को रेवेन्यू ऑफिसर का पद मिला है. इस रिजल्ट के बाद घर -परिवार में खुशी का माहौल है, घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
प्रियांगी ने बीपीएससी में हासिल किया पहला स्थान
प्रियांगी मेहता ने सेल्फ स्टडी से बीपीएससी में पहला स्थान हासिल किया है. प्रभात खबर से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बीपीएससी में यह पहला प्रयास था. इसके साथ ही वर्ष 2022 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा भी दी थी, लेकिन इसे क्लियर नहीं कर सकी. लेकिन उन्होंने दूसरे प्रयास में यूपीएससी मेन्स निकाल लिया है, अब सिर्फ इंटरव्यू बचा है. इसके लिए उन्होंने अब तक कोई मॉक टेस्ट नहीं दिया है.
रेवेन्यू डिपार्टमेंट में कलर्क थे दादा
प्रियांगी बताती हैं कि उनके पिता मिथलेश कुमार इलेक्ट्रोनिक रिपेयरिंग शॉप चलाते हैं. मां गृहिणी हैं. पूरे परिवार में केवल दादाजी राजेश्वर प्रसाद सचिवालय में कार्यरत थे. वो रेवेन्यू डिपार्टमेंट में कलर्क के पद से रिटायर हुए थे. प्रियांगी भी रेवेन्यू ऑफिसर ही बनी हैं. ऐसे में अब प्रियांगी भी उसी विभाग में काम करेंगी जिससे उनके दादाजी रिटायर हुए हैं. इस मौके पर प्रियांगी के दादा-दादी दोनों ही भावुक दिखें.
बचपन से ही पढ़ाई से रहा लगाव
प्रियांगी ने बताया कि बचपन से ही पढ़ाई से उनका लगाव रहा है. लेकिन, मेरे इलाके में शिक्षा का स्तर बेहद नीचे है. शिक्षा की कमी व पिछड़ापन को देखते हुए ही मैंने प्रशासनिक सेवा में जाने की सोची. इसकी मदद से काफी बदलाव किया जा सकता है. यही मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत भी है.
बिहार बोर्ड की पारीक्षा में भी किया था टॉप
प्रियांगी ने सत्यम इंटरनेशनल स्कूल से दसवीं की पढ़ाई पूरी की है, जिसमें उन्हें 10 सीजीपीए मिला. वहीं, उन्होंने बारहवीं की पढ़ाई अरविंद महिला कॉलेज से आर्ट्स (ह्यूमैनिटीज) विषय में की, साल 2018 में बिहार बोर्ड से उन्होंने 12 वीं की परीक्षा पास की, जिसमें उन्हें दूसरा स्थान मिला था.
बीएचयू से प्रियांगी ने किया स्नातक
इंटर परीक्षा में सफलता मिलने के बाद प्रियांगी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू ) से अपना स्नातक किया. उन्होंने अपना स्नातक पोलिटिकल साइंस विषय में किया. बीपीएससी में मिली सफलता को लेकर उन्होंने कहा कि रिजल्ट आने की उम्मीद तो थी पर टॉप करेंगी ये नहीं पता था.
सेल्फ स्टडी पर किया फोकस
मुख्य लिखित परीक्षा में स्केलिंग की समस्या का समाधान करने के लिए आयोग की ओर से परीक्षा में कुछ बदलाव किया गया था. इसमें सामान्य हिंदी और ऑप्शनल विषय का पेपर 100 अंक का था. वहीं, सामान्य अध्ययन पेपर 1 और 2 तीन सौ अंक का था. इस बार निबंध का पेपर भी 300 अंक का था. इन सभी परीक्षा के लिए 3 घंटे समय निर्धारित किया गया था. इस वजह से कई लोगों ने परीक्षा की तैयारी के लिए प्रियांगी को ट्यूशन करने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने सेल्फ स्टडी पर फोकस किया.
क्यों चुना रेवेन्यू ऑफिसर का पद
प्रियांगी ने बताया कि जब वो बीपीएससी का फॉर्म भर रही थी तो उम्र कम होने की वजह से वो कई पदों के लिए योग्य नहीं थी. इस कारण उन्होंने रेवेन्यू ऑफिसर के पद का चयन किया. प्रियांगी ने बताया कि उन्होंने बचपन में ही डिसाइड कर लिया था वो सिविल सर्विस में जाएंगी.
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