Union Budget 2023 में बिहार को रेलवे के मामले में हाथ मलते रहना पड़ा है. बिहार के रेल यात्रियों को कुछ हाथ नहीं लगा है. पिछले साल 2021-22 के रेल बजट में पूर्व मध्य रेलवे 12 स्टेशनों को विकसित करने पर मुहर लगी थी. इन रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने की बात कही गयी थी, हालांकि योजना के तहत शहर के राजेंद्र नगर टर्मिनल, गया, मुजफ्फरपुर, धनबाद और दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन पर तेजी से काम शुरू किये गये. लेकिन बाकी स्टेशनों पर कार्य की शुरुआत के लिए टेंडर तो जारी किया गया लेकिन काम धरातल पर सही तरीके से उतर नहीं पाया. खासकर बरौनी, सीतामढ़ी और बेगूसराय को विश्वस्तरीय बनाने के तौर पर कार्य नहीं किया जा रहा है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि शुरुआत के दो महीने कार्य तेजी से किये गये, लेकिन चार महीने से काम काम मानो बंद सा हो गया है.
क्या थी यह विश्वस्तरीय योजना
पूर्व बजट में 12 स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए यात्रियों से अतिरिक्त राशि वसूलने की बात कही गयी थी. यात्रियों को टिकट भाड़े का अतिरिक्त सरचार्ज देना होगा. रेलवे बोर्ड की ओर से जारी आदेश के तहत न केवल अर्बन व सब अर्बन स्टेशन बल्कि पुनर्विकसित स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को टिकट दर के साथ-साथ प्रति यात्री अलग से राशि का भुगतान करना तय किया गया था. जानकारी के अनुसार यह अतिरिक्त राशि कंप्यूटर में ही फीड होगा, जो टिकट लेते समय ही यात्रियों से ले ली जायेगी. पूमरे क्षेत्र के ऐसे 12 स्टेशनों को पुनर्विकसित कर विश्व स्तर का बनाने का प्रस्ताव शामिल था.
इन मिलनी हैं सुविधाएं
योजना के तहत स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप देना है. यात्रियों की सुविधा के लिए कंट्रोल गेट व प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर एस्केलेटर व लिफ्ट लगेंगे. आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वाशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि की सुविधा रहेगी. अगर इस योजना के तहत कार्य पूरा हो जाते हैं तो इससे आम यात्रियों के साथ बुजुर्ग व बच्चों को काफी राहत मिलेगी.
इन स्टेशनों को बनाना है विश्वस्तरीय स्टेशन
– राजेंद्र नगर टर्मिनल
– बेगूसराय
– बरौनी
– गया
– मुजफ्फरपुर
– सिंगरौली
– सीतामढ़ी
– दरभंगा
– धनबाद
– डीडीयू
– बक्सर
– मोतिहारी