बिहार में बाल कल्याण के लिए लगी संस्थाएं भी अब राजनीति और कलह का शिकार होने लगी हैं. इसका जीता जागता मिसाल है बक्सर का बाल गृह जहां एक किशोर बालगृह कर्मी के कहने पर बाल कल्याण समिति के सदस्य पर डीएम के सामने कथित झुटा आरोप लगा कर फसाने की कोशिश करता है. हालांकि इस मामले की जब जांच की गई तो किशोर ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और लगाए गए कथित आरोप के उलट बातें बताने लगा. किशोर का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है.
वायरल वीडियो में किशोर कह रहा है कि उसने बालगृह में एक गलती की थी. इसके बाद उसके पास समिति के सदस्य नवीन सर आए थे और समझा कर चले गये. बालक ने बताया है कि उसके पिता टीबी रोग से पीड़ित है. यहां दवाई नहीं मिलती है. पानीपत में इलाज चल रहा है. वहीं ले जाना चाहता है. वीडियो में किशोर आगे कहते हुए दिखता है कि बालगृह के अधिकारी अमित सर ने कहा की कल डीएम साहब आ रहे है. उनके सामने नवीन सर के बारे में झूठा आरोप लगा देना. डीएम सर तुम्हारी बात मान लेंगे. तुमको जल्दी यहां से जाने देंगे. नहीं तो तुमको यहां ज़्यादा दिन रहना पड़ जाएगा. बालक इस बात से डर जाता है लेकिन बात मान लेता है और डीएम साहब के बालगृह निरीक्षण के दौरान समिति के सदस्य पर झूठा आरोप लगा देता है.
डीएम अमन समीर ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया था कि इस मामले की जांच चल रही है. वहीं दुसरी ओर यह सवाल खड़ा होता है कि समिति के सदस्यों पर झूठा आरोप लगाया जाएगा तब वह किस तरह से स्वतंत्र होकर बालकों के हित में काम करेंगे. वहीं जानकार सूत्रों का कहना है कि समिति के सदस्यों पर दबाव बनाने के लिए अधिकारियों ने बालक पर दबाव बनाकर मन चाहा वीडियो भी बनाया है. ताकी समिति के कार्य में हस्तक्षेप किया जा सके. अब यह देखना है कि इस पूरे मामले में षड्यंत्र रचने वाले बालगृह के अधिकारी पर प्रशासन कौन सी करवाईं करता है या मामले की लिपापोति की जाती है.
बालक रोहतास जिले का रहने वाला बताया जा रहा है. यह बालक रेलवे स्टेशन बक्सर पर अपनी दो नाबालिग बहन के साथ लावारिस हालत में मिला था. पुलिस ने तीनों को बाल कल्याण समिति बक्सर के पास भेजा था. फ़िलहाल बालक बालगृह से बाहर है. सूत्रों की माने तो जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों व बाल कल्याण समिति के बीच खींचतान के बीच साजिश के तहत बालक को षड्यंत्र का मोहरा बनाया गया है