बक्सर .
शहर के गोलंबर से सटे गंगा ब्रिज के पास बना जिला परिवहन विभाग का चेकपोस्ट दो साल से अधिक समय से बंद है. चेकपोस्ट के लिए बने कमरे में ताला लटका रहता है. अंदर खाली पड़ी कुर्सियों पर धूल की मोटी परत जम गयी है. इसके बाद भी यहां जेनरेटर के नाम पर हर माह 20 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है. इससे पहले चोकपोस्ट बंद होने के कारण तत्कालीन डीटीओ विकास जायसवाल ने 8 जुलाई 2022 से लेकर 4 सितंबर 2023 तक चेकपोस्ट पर जेनरेटर के मद में भुगतान पर रोक लगा दी थी. उनका कहना था कि चेकपोस्ट पर पहले जो कर्मचारी प्रतिनियुक्त थे, उन सभी की ड्यूटी डीटीओ ऑफिस में कर दी गयी है.जेनरेटर का कोई नहीं है उपयोग
अब ऑनलाइन ही परिवहन विभाग का काम होता है, इसलिए इस चेकपोस्ट पर जनरेटर काक कोई उपयोग नहीं है. हालांकि, चार सितंबर 2023 के बाद नये डीटीओ संजय कुमार के आने के बाद फिर से भुगतान शुरू कर दिया गया. बता दें कि शहर के गोलंबर के पास बने गंगा ब्रिज के इस तरफ बिहार, तो दूसरी तरफ यूपी पड़ता है. दो राज्यों की सीमा होने के कारण यहां पर परिवहन विभाग का चेकपोस्ट बनाया गया था. हालांकि, डीएम के यहां शिकायत पहुंचने लगी कि चेकपोस्ट पर रात के अंधेरे में परिवहन विभाग के सिपाही वाहन जांच के नाम पर अवैध वसूली करते हैं. यदि ट्रक चालक रुपये नहीं होने की बात कहते थे, तो खाते में ऑनलाइन रुपये मंगा लिये जाते थे. इसके बाद डीएम अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में डीटीओ को निर्देश दिया गया था कि रात में यहां वाहन जांच नहीं करना है.
रिकॉर्ड देखने पर पता चलेगा की भुगतान हुआ की नहीं
चेकपोस्ट के बगल में संतरी लोग रहते हैं. वहां जांच में पकड़े गये वाहन खड़े किये जाते हैं. उसी की देखरेख करने वाले संतरी के लिए जेनरेटर चलता है. पूर्व के डीटीओ के समय राशि का भुगतान किया गया कि नहीं, यह रिकॉर्ड देखने पर पता चलेगा. संजय कुमार, डीटीओ बक्सरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है