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रबी फसल पर ड्रोन से किया जायेगा उर्वरक व कीटनाशक का छिड़काव

जिले में पहली बार रबी फसल से जैविक व रसायनिक उर्वरक व कीटनाशक दवा के छिड़काव में किसानों को सहायता मिलेगी

बक्सर. जिले में पहली बार रबी फसल से जैविक व रसायनिक उर्वरक व कीटनाशक दवा के छिड़काव में किसानों को सहायता मिलेगी. मानव रहित ड्रोन का उपयोग करने की स्वीकृति पौधा संरक्षण विभाग को मिल गयी है. विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद ड्रोन उपलब्ध कराकर विशेषज्ञों के माध्यम से छिड़काव कराया जायेगा. हालांकि इसके लिए किसानों को पहले आवेदन कराना होगा. चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 2024-25 के लिए जिले में कृषि कार्य को लेकर मानव रहित ड्रोन का उपयोग करने की स्वीकृति पौधा संरक्षण विभाग को मिल गयी है. जिले में पहली बार रबी फसल में जिले के किसान सरकार द्वारा अनुदानित दर पर खेत में लगी फसल में ड्रोन के माध्यम से जैविक व रसायनिक उर्वरक व कीटनाशक दवा छिड़काव कर सकेंगे.

किसानों को करना होगा ऑनलाइन आवेदन : उद्यानिक फसल आम लीची में भी रोग से बचाव को लेकर छिड़काव कराया जायेगा. एक किसान को अधिकतम 10 हेक्टेयर तक के लिए यह सुविधा दी जाएगी.जिला पौधा संरक्षण विभाग के द्वारा इसको लेकर किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिया जायेगा.

विशेषज्ञों के माध्यम से कराया जायेगा छिड़काव :

आवेदन प्राप्त होने के बाद विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद ड्रोन उपलब्ध कराकर विशेषज्ञों के माध्यम से छिड़काव कराया जाएगा. विभागीय जानकारी के मुताबिक, प्राप्त आवेदन के आधार पर विभाग से ड्रोन की मांग की जायेगी. कोई भी किसान अपने खेत में लगे आम, लीची व उद्यानिक फसल में रोग से बचाव को लेकर ड्रोन से छिड़काव का लाभ उठा सकते है. इससे किसानों को कम खर्च के साथ उर्वरक का बचाव सहित फसल में एक समान खाद व कीटनाशक का छिड़काव होने से उत्पादन बेहतर होगा. उर्वरक व कीटनाशक दवा खुद करानी होगी छिड़काव शुल्क का 50 प्रतिशत अधिकतम 250 रुपये प्रति एकड़ अनुदान देय होगा, जिसमे अधिकतम 10 एकड़ के लिए प्रति किसान 2500 रुपये अनुदान दिया जायेगा. अनुसूचित जाति वर्ग में 20 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग में 1.4 प्रतिशत अनुदान निर्धारित है. किसानों को छिड़काव के लिये उर्वरक व कीटनाशक दवा स्वयं उपलब्ध कराना होगा.अधिक आवेदन मिलने पर पहले आओ पहले पाओं के आधार पर किसानों का चयन कर छिड़काव कराया जाएगा. इस ड्रोन में 10 लीटर का टैंक है. इसमें एक एकड़ में डालने लायक दवा का घोल बनाकर छिड़काव कर सकते है. यह बैट्री से ऑपरेट होता है. एक एकड़ में छिड़काव करने के लिए 6 मिनट 20 सेकेंड का समय लगता है. इसके आगे और पीछे रडार लगा है, जिससे किसी चीज से टकराने का कोई खतरा नहीं है. रास्ते में कोई रुकावट होने पर 10 मीटर पहले ही लेन बदल कर छिड़काव करने लगता है. इसमें खास तरह के नोजल लगे हुए है, जो एक बूंद दवा को 240 पार्ट्स में यह तोड़ देता है, ताकि हर एक पैधों पर छिड़काव हो सके. बताया गया कि इससे कम दवा में ज्यादा छिड़काव किया जा सकता है. इससे पैदावार भी बढ़ेगा. इस ड्रोन की बैट्री भी 20 मिनट का बैकअप देती है.

ड्रोन को एक बार चार्ज करने पर ढाई एकड़ में छिड़काव

उसके बाद इसे आसानी से चार्ज किया जा सकता है 500-700 प्रति एकड़ करना होगा भुगतान : अगर कोई किसान अपनी खेत में ड्रोन से दवाइयों का छिड़काव करना चाहता है, तो छोटी फसलों के लिए 500 रुपये प्रति एकड़, बड़ी फसलों के लिए 600 प्रति एकड़ और आम जैसी फसलों के लिए 700 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना पड़ेगा. इसके अलावा किसान इसे खरीद भी सकते हैं. खरीदने के लिए 7 लाख 43 हजार के साथ 5% जीएसटी देना होगा. इसमें एक ड्रोन, एक बैट्री और एक चार्जर मिलेगा. रबी सीजन में किसान अपने खेत में लगी फसल में उर्वरक व फसल को रोग से बचाव को लेकर कीटनाशक दवा का छिड़काव मानव रहित ड्रोन के माध्यम से कराने को लेकर आवेदन कर सकते है. विभाग द्वारा अनुदानित दर पर इसका छिड़काव विशेषज्ञ की देखरेख में होगा. इस योजना के तहत जिला पौधा संरक्षण को विभाग द्वारा आवेदन की संख्या के अनुसार ड्रोन पटना से उपलब्ध कराया कराया जायेगा. बेबी कुमारी, सहायक निदेशक ,पौधा संरक्षण

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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