बक्सर. फिरौती के लिए अगवा युवक को पुलिस ने 12 घंटे के अंदर बरामद कर अपहरणकर्ता गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है. अपहरण गैंग के सभी अपराधी भोजपुर जिला के विभिन्न थाना क्षेत्रों के रहने वाले हैं. पुलिस को यह कामयाबी गुरुवार की रात मिली. गिरफ्तार अपराधियों में भोजपुर जिला के वशिष्टपुरी निवासी रामाधारसिंह का पुत्र रमेश कुमार भाट, मुफ्फसिल आरा थाना के जमीरा निवासी रघुवर पासवान का पुत्र ऋतु पासवान व उसी गांव के हरेन्द्र राय का पुत्र विकाश कुमार तथा जगदीशपुर थाना क्षेत्र के कहेन निवासी रूपेश सिंह का पुत्र टुन्नू कुमार सिंह व जगदीशपुर थाना के दुल्हिनगंज निवासी कमलेश राम का पुत्र अमन राज शामिल हैं. पुलिस कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में सभी आरोपितों को पेश करते हुए यह जानकारी पुलिस कप्तान शुभम आर्य ने दिया. उन्होंने बताया कि इनके पास से पांच मोबाइल एवं अपहृत युवक शुभम कुमार उर्फ लक्की को बरामद किया गया है. एसपी ने स्पेशल टीम गठित कर त्वरित कार्रवाई को दिया हिदायत मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरज कुमार के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन कर त्वरित कार्रवाई को हिदायत दिया. निर्देश मिलते ही पुलिस टीम सक्रिय हो गई और तकनीकी अनुसंधान के सहारे लोकेशन ट्रैक कर आरा पहुंची और चिन्हित मकान की तलाशी शुरू की. जहां एक कमरे में अपहृत युवक को बंदी बनाकर पांच अपराधी रखवाली कर रहे थे. पुलिस ने अपराधियों को तुरंत दबोच लिया और अपहृत को उनसे मुक्त करा दिया. शराब तस्करी से जुड़ा है मामला पुलिस के पूछताछ में शुभम ने बताया कि वह घर से बक्सर पहुंचकर ट्रेन से दिलदारनगर गया था. वहां अपराधियों ने उसे पकड़ लिया और ट्रेन के शौचालय में बंद कर दिया. इसके बाद वे जमीरा हाल्ट गए और वहां ट्रेन से उतारने के बाद उसे कब्जे में लेकर एक बगीचा में ले गए और उसी के मोबाइल से उसके परिजनों से संपर्क कर फिरौती की मांग किए. पुलिस के मुताबिक अपहरणकर्ताओं का तार शराब तस्करी से जुड़ा है. क्योंकि पूछताछ में ज्ञात हुआ कि शुभम उनके शराब तस्करी के धंधा की जानकारी पुलिस से साझा करता था और उन्हें पकड़वा देता था. सो उसी के शक पर उसे अपहरण कर लिए थे. दिलदारनगर अक्सर जाया करता है शुभम : पुलिस के मुताबिक शुभम बक्सर स्थित पीसी कॉलेज में पढ़ता है. इसको लेकर वह अपने गांव से बक्सर आया-जाया करता है और अक्सर ट्रेन पकड़कर दिलदारनगर चला जाता है. ट्रेन में शराब तस्कर उसे बराबर देखते थे. सो पुलिस से मुखबिरी करने की शंकर उसपर हो गयी थी. हालांकि यह सवाल अभी भी खड़ा है कि शुभम अक्सर दिलदारनगर क्यों जाता है और शराब तस्करों से उसकी पहचान का राज क्या है?
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