3 जून- फ़ोटो- 4- खेत में प्याज की कोड़ाई करते मजदूर राजपुर. प्रखंड के विभिन्न गांवों में इस बार किसानों ने व्यापक पैमाने पर प्याज की खेती किया है. इस बार मौसम की मार झेल रहे किसानों के खेत में लगा प्याज का उत्पादन बहुत ही कम हो रहा है. कम उत्पादन होने से किसान काफी मायूस एवं निराश है. हालांकि इस बार उद्यान विभाग के तरफ से मिला प्याज का उत्पादन अच्छा हुआ है.अन्य किसानो ने काला जामुन एवं अन्य प्रजातियों की खेती किया है.जिसका उत्पादन कम हुआ है.पिछले कई वर्षों से पारम्परिक खेती से आधुनिक खेती की ओर मुड़े किसानों ने प्याज की खेती कर आर्थिक उन्नति करना शुरू कर दिया था. इस बार भी क्षेत्र के उत्तमपुर, बारुपुर, मंगराव , संगराव, नागपुर, गैधरा, हंकारपुर, खीरी, बन्नी, हरपुर, बिजौली के अलावा अन्य गांव में प्याज की खेती किया गया है. समय पर खेती करने के बाद भी इनकी खेत में लगा प्याज का गांठ भी बहुत छोटा हो गया है.बिजौली के किसान संतोष सिंह, शिवजतन सिंह,संजय सिंह,मुकेश सिंह, बबन सिंह,अरबिंद सिंह संगराव के किसान राकेश सिंह, मिथिलेश सिंह ,जीउत सिंह ने बताया कि इस बार एक बीघा प्याज की खेती करने में लगभग 25 से 30 हजार रुपये खर्च किया गया है. उत्पादन कम होने से लागत खर्च भी निकालना मुश्किल हो गया है.प्याज की रोपाई करने के बाद से ही मौसम में लगातार हो रहे परिवर्तन से फसलों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ गया .कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आने से समय-समय पर दवा का छिड़काव भी किया गया. बावजूद बेहतर उत्पादन नहीं होने से किसानों की कमर टूट गयी है. बटाई पर खेती करने वाले किसान काफी परेशान है. इस बार उनको कर्ज भी देना मुश्किल हो सकता है. प्रगतिशील किसान अंकित कुमार सिंह ने बताया कि प्याज स्टोर करने के लिए कोई गोदाम नहीं होने से इसे बहुत कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है. इससे अधिक आर्थिक क्षति उठाना पड़ रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है