बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार की देर शाम पीजी में नामांकन के लिए तीसरी मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई थी.यूएमआइएस कोआर्डिनेटर डॉ टीके डे ने बताया कि 1598 छात्रों को तीसरी सूची में जगह मिली है. 13 से 15 जुलाई तक नामांकन के लिए समय दिया गया है.उधर, स्नातक में दूसरी मेरिट लिस्ट का नामांकन बुधवार को कई कालेजों में शुरू नहीं हो सका. बताया गया दोपहर में मेरिट लिस्ट मिली.
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में एक माह से वित्तीय परामर्शी का पद खाली है. इस कारण विश्वविद्यालय में वित्त से संबंधित अधिकांश फाइलें फंस गयी है. बता दें कि संस्कृत विवि के वित्तीय परामर्शी कैलाश राम को लनामिवि का भी प्रभार राजभवन से मिला हुआ था. उनका कार्यकाल 10 जून को समाप्त हो गया. अब तक राजभवन ने वित्तीय परामर्शी नियुक्त नहीं किया है. वित्तीय परामर्शी नहीं रहने के कारण वित्तीय कार्य से संबंधित गैर निष्पादित संचिकाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. भुगतान में विलंब से लाभुकों में आक्रोश बढता जा रहा है. चर्चा है कि लनामिवि में बिना वित्तीय परामर्शी की अनुशंसा के भुगतान के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था बहाल नहीं की जा सकी है.
मिथिला विश्वविद्यालय में छह संबद्ध कॉलेजों के शिक्षाकर्मियों का अनुदान फंसा हुआ है. समस्तीपुर के केएसआर कॉलेज सरायरंजन, जीकेपीडी कॉलेज कर्पूरीग्राम, दरभंगा के एलसीएस कॉलेज, एमएमटीएम कॉलेज, नागेंद्र झा महिला कॉलेज, मधुबनी के लूटन झा कॉलेज ननौर के करीब 600 शिक्षाकर्मियों का अनुदान का पैसा निर्गत नहीं हो पा रहा है. चर्चा है कि वित्तीय परामर्शी के नहीं होने से भुगतान लंबित है. वहीं बताया जा रहा है कि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के कर्मचारियों के पांच माह से लंबित वेतन का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा विभिन्न भुगतान से संबंधित दर्जनों संचिका लंबित बतायी जा रही है.
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि में भी 10 जून से वित्तीय परामर्शी का पद खाली है. जानकारी के अनुसार संस्कृत विश्वविद्यालय में वित्तीय परामर्शी नहीं रहने के कारण अधिकांश आवश्यक संचिकाओं का निपटारा वित्त पदाधिकारी, कुलसचिव एवं कुलपति के समेकित प्रयास से किया जा रहा है. भुगतान का अधिकार कुलसचिव एवं वित्त पदाधिकारी को है. वित्तीय परामर्शी का काम सिर्फ सलाह देना है. भुगतान का काम चल रहा है. लंबित भुगतान के लिए वित्तीय परामर्शी का नहीं होना जिम्मेदार नहीं है. भुगतान लंबित होने का कुछ और कारण हो सकता है. संबंधित लोग कुलसचिव, वित्त पदाधिकारी तथा जरूरत पड़ने पर मुझसे भी संपर्क कर सकते हैं. वैसे वित्तीय परामर्शी बहाल किये जाने को लेकर राजभवन से अनुरोध किया गया है.
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का बुधवार को 64वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस अवसर पर सीनेट हॉल में आयोजित समारोह में कुलपति प्रो जवाहर लाल ने कहा कि छात्रों की समस्याओं को ऑन स्पॉट दूर किया जायेगा. इसके लिए विवि के सीनेट हॉल में हर शनिवार को छात्र दरबार लगाया जायेगा. इसमें वीसी, डीएसडब्ल्यू व रजिस्ट्रार सुनवाई करेंगे. साथ ही परीक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे. इसकी रुपरेखा तैयार कर ली गयी है.
विवि के छात्र सेवा केंद्र पर छात्र-छात्राएं शैक्षणिक समस्या जैसे रिजल्ट, डिग्री, माइग्रेशन, रिजल्ट सुधार, अंकपत्र में सुधार, नाम में सुधार आदि समस्याओं के लिए सोमवार से बुधवार तक आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद यह आवेदन संबंधित विभाग को भेज कर निष्पादित किया जायेगा. फिर छात्र दरबार में संबंधित छात्र व पदाधिकारियों की उपस्थिति में उस आवेदन के आधार पर सुनवाई करते हुए समस्या का निराकरण कर दिया जायेगा..
छात्रों को विवि का चक्कर नहीं लगाना पड़े, इसी के लिए यह दरबार आयोजित करने का निर्णय लिया गया है. इससे छात्र बिचौलियों से भी बचेंगे. उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि पिछले दिनों विवि में छात्रों द्वारा आंदोलन किया जाता रहा. कुलपति के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाये गये. इससे वे डरने वाले नहीं हैं और न ही दबाव में आकर गलत काम करेंगे. नियम-परिनियम के तहत ही काम होगा. इस मौके पर प्रो निशा झा, पूर्व प्रभारी वीसी प्रो क्षमेंद्र कुमार सिंह, डीएसडब्ल्यू प्रो योगेंद्र, सीनेट सदस्य डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा, रजिस्ट्रार डॉ गिरिजेश नंदन कुमार आदि मौजूद थे
बिहार कृषि विवि सबौर में विद्वत परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये. बैठक की अध्यक्षता कुलपति डॉ डीआर सिंह ने की. बैठक में फैसला लिया गया कि विवि में विदेशी छात्रों के दाखिला में पांच प्रतिशत का कोटा होगा. यह कोटा सिर्फ विदेशी छात्रों के लिए होगा, जो इस विवि में अपना दाखिला लेंगे. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वन महोत्सव के दिन विवि अंतर्गत सभी महाविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों में बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जायेगा. वहीं, बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विवि ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को शिक्षण व्यवस्था मुहैया करायेगा.