Bihar IPS Officer Transferred: रोहित शेट्ठी के निर्देशन में बनी सिंघम फिल्म में एक डायलॉग है, ‘अगर पुलिस अपना काम ईमानदारी से करेगी तो क्रिमिनल्स अपराध करना तो दूर किसी मंदिर के सामने से चप्पल भी नहीं चुरा पायेगा.’ बिहार में अगले वर्ष चुनाव है और इनदिनों यहां लॉ एंड आर्डर की स्थिति कुछ चरमरा सी गई है. नेता विपक्ष तेजस्वी यादव बिहार में हो रही आपराधिक घटनाओं की लिस्ट सोशल मीडिया पर शेयर कर सीएम नीतीश कुमार और मौजूदा एनडीए सरकार को घेरते हैं. इसी बीच बिहार सरकार ने गुरुवार को बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया. पूर्वी चंपारण में अपराध पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी नए पुलिस अधीक्षक और स्वर्ण प्रभात को दी गई है जो ईमानदार छवि के लिए मशहूर हैं. इससे पहले वो गोपालगंज में एसपी और मुजफ्फरपुर में सिटी एसपी के पद पर काम कर चुके हैं. दोनों ही जगह उन्होंने अपराधियों की बोलती बंद कर दी थी. क्रिमिनल्स उनके नाम से थरथर कांपने लगते थे. जब तक इन जिलों में वो तैनात रहे, भूमि माफिया, शराब माफिया और बालू माफिया सब शांत हो गये थे. लेकिन अब मोतिहारी में उन्हें अलग चुनौतियों से निपटना होगा. स्वर्ण प्रभात की पोस्टिंग होने से मोतिहारी के लोगों में ख़ुशी का माहौल है. सिंघम फिल्म का वो डायलॉग एसपी स्वर्ण प्रभात के वर्किंग स्टाइल पर पूरी तरह फीट बैठता है.
मोतिहारी में इन चुनौतियों से निपटना होगा
एसपी स्वर्ण प्रभात को मोतिहारी में अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. उनके सामने मादक पदार्थ की तस्करी रोकने, जमीन माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया पर लगाम लगाने जैसे चैलेंज होगा. यहां मादक पदार्थ तस्करी और भू-माफियाओं के बोलबाला के साथ-साथ लंबी चौड़ी क्रिमिनल्स की लिस्ट है, इन पर लगाम लगाना नए एसपी के लिए बड़ी चुनौती होगी.
स्वर्ण प्रभात की सबसे खास बात यह है कि वो बिल्कुल शांत रहकर सभी चुनौतियों को हराने की काबिलियत रखते हैं. जिलाधिकारी के साथ-साथ इन्हें पुलिस प्रसाशन और विधि व्यवस्था में तालमेल बिठाकर अपने खुफिया तंत्र को मजबूत करना होगा, क्योंकि मोतिहारी से सटे नेपाल बॉर्डर होने के कारण बड़ी संख्या में तस्कर जाली नोट और अफीम गांजा की तस्करी करते हैं.
गोपालगंज में अपराधी मांगते थे पनाह
स्वर्ण प्रभात जब गोपालगंज के एसपी थे तब अपराधी उनसे पनाह मांगते थे. असामाजिक तत्वों में गजब का खौफ था और इन्होने बड़े-बड़े शराब माफियाओं को जेल भेजने का भी काम किया. स्वर्ण प्रभात 2017 बैच, बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और भोजपुर से ताल्लुक रखते हैं. इन्होंने 105 रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. इसके पिता का नाम कौशलेश कुमार सिन्हा और माता का नाम ललिता देवी है. यूपीएससी क्वालीफाई करने से पहले वो आइआइटीयन थे.