महाराष्ट्र के ठाणे के बालकुम इलाके में रविवार को एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत की लिफ्ट जोरदार आवाज के साथ नीचे गिर गई. इस हादसे में कुल सात मजदूरों की मौत हो गई थी. जिसमें से छह मजदूरों की जान तो मौके पर चली गई थी, वहीं एक श्रमिक की जान अस्पताल में इलाज के दौरन गई थी. मृतकों में से चार बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे. इस घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा देने की घोषणा की है.
दो-दो लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा
सीएम नीतीश कुमार ने इस घटना को काफी दुखद बताया है. मुख्यमंत्री ने इस घटना में मृत मजदूरों के शोक संतप्त परिवारों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की एवं शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है. सीएम ने इस घटना में बिहार के मृतक मजदूरों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा की है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने दिल्ली में बिहार के स्थानिक आयुक्त को स्थिति का जायजा लेने तथा हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने एवं मृत मजदूरों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पहुंचाने के लिये सभी समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.
निर्माधिन मकान का लिफ्ट गिरने से हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ठाणे की एक निर्माणाधीन 40 मंजिला इमारत में रिनोवेशन का काम चल रहा था. इस बहुमंजिला इमारत की छत पर भी वाटर प्रूफिंग का काम हो रहा है. इमारत में काम करने वाले सभी मजदूर काम खत्म कर लिफ्ट से नीचे जा रहे थे. इसी दौरान लिफ्ट लिफ्ट दुर्घटनाग्रस्त होकर पी3 (पार्किंग में तीसरे स्तर के भूमिगत क्षेत्र) में जा गिरी.
लिफ्ट की केबल कैसे टूटी, हो रही जांच
ठाणे नगर निगम के आपदा प्रबंधन के प्रमुख यासीन तड़वी के अनुसार प्रथम दृष्टया में ऐसा लगता है कि लिफ्ट की एक सहायक केबल टूट गई, जिससे यह हादसा हुआ. उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ और दमकल कर्मियों का एक दल घटनास्थल पर पहुंचा तथा भूमिगत पार्किंग से श्रमिकों को बाहर निकाला. उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लिफ्ट की केबल कैसे टूटी, घटना की जांच जारी है.
ठेकेदार के खिलाफ दर्ज किया गए मामला
इस हादसे को लेकर कापुरबावड़ी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर उत्तम सोनवणे ने बताया कि ठेकेदार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (2) (जल्दबाजी और लापरवाही से किया गया कृत्य), 337 (दूसरों की निजी सुरक्षा या जीवन को खतरे में डालकर नुकसान पहुंचाना) और 338 (दूसरे की जान या निजी सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
4 सितंबर को रोजगार की तलाश में गए थे बिहार से महाराष्ट्र
बताया जाता है कि परिवार की आर्थि स्थिति अच्छी नहीं हों की वजह से सभी मजदूर चार सितंबर को समस्तीपुर स्थित अपने गांव से नौकरी करने महाराष्ट्र गए थे. इस हादसे के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है. मृतकों के शव को महाराष्ट्र से लाने में असमर्थ परिवारों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.