बिहार में लोजपा की टूट के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. लोजपा की बैठक में चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. वहीं सांसद चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस के बगावत पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने इसी के साथ एक पत्र भी शेयर किया है
चिराग पासवान ने होली के समय लिखे अपने पत्र में चाचा पशुपति पारस पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं. चिराग ने अपने पत्र में खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रिंस के प्रदेश अध्यक्ष बनने पर चाचा की नाराज़गी को भी बताया है. चिराग ने पत्र में आरोप लगाया है कि पशुपति पारस पापा के रहते हुए और उनके बाद भी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर चुके हैं. लोजपा सांसद ने इसी के साथ ट्वीट कर कहा है कि लोकतंत्र में जनता मालिक होता है.
लोजपा नेता चिराग पासवान ने दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की नाराज़गी का भी जिक किया. चिराग ने होली के दौरान लिखे पत्र में कहा कि जब मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष बना तो कुछ देर बाद ही आप अपने घर चले गए, जिससे पापा भी नाराज हो गए थे.
चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अपने पत्र में कहा कि बिहार चुनाव के दौरान आपने मुझसे पांच सिंबल मांगा था, जिसे मैंने भिजवा दिया था. लेकिन दो टिकट के लिए आपने पूरे बिहार चुनाव में मुझसे अलग हो गए. इस घटना के बाद से ही मैं अब रिश्ते पर भरोसा नहीं कर पाता हूं.
इधर, सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh) लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारणी अध्यक्ष बनाए गए हैं. पशुपति पारस की अध्यक्षता में हुई बैठक में चिराग पासवान को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. इससे पहले पशुपति पारस संसदीय दल के नेता चुने गए थे.
Posted By : Avinish Kumar Mishra