बिहार में भीषण गर्मी और भयंकर लू की चपेट से आपदा की स्थिति बन रही है. बुधवार को राज्य के विभिन्न जिलों में 50 से अधिक बच्चों के बीमार के बाद सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को स्कूल बंद करने का निर्देश दिया है. सीएम ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि आवश्यकतानुसार वर्तमान स्थिति को देखते हुये स्कूलों को बंद करने के संबंध में समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें. इससे स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित नहीं हो. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया है कि वे क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक आयोजित कर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अन्य आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें.
आठ जून तक बंद रहेंगे स्कूल
सीएम नीतीश कुमार के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव के साथ ही सभी जिलाधिकारियों को अलग-अलग पत्र लिखकर 30 मई से आठ जून तक सरकारी और निजी विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों और कोचिंग संस्थानों में शिक्षण कार्य बंद करने का निर्देश दिया है.
मुख्य सचिव ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से अप्रत्याशित भीषण गर्मी के साथ लू के प्रकोप में बिहार राज्य के अधिकांश जिले हैं. इसमें गया, औरंगाबाद, कैमूर में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया जा रहा है. यही स्थिति कमोबेश अन्य सभी जिलों की भी है. इस संबंध में 29 मई को आपदा प्रबंधन समूह (सीएमजी) की बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधियों ने बताया कि ऐसी स्थिति आठ जून, 2024 तक बने रहने की संभावना है.
गर्मी की वजह से लिया गया फैसला
अतः सभी सरकारी और कोचिंग संस्थान सहित सभी निजी विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रों में 30 मई से आठ जून, 2024 तक शिक्षण कार्य बंद रखने का निर्णय लिया गया है. इसका मकसद भीषण गर्मी के प्रकोप से बच्चों को बचाना है. इस संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग के गाइडलाइन और विभिन्न विभागों के द्वारा निर्गत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.
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