Coaching Centre Guidelines: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देशभर की कोचिंग संस्थाओं को लेकर नया दिशा-निर्देश जारी किया है. कोचिंग संस्थाओं को लेकर अब कई पाबंदी लगायी गयी है. 16 साल से कम उम्र के विद्यार्थियों को अब कोचिंग संस्थानों में दाखिला नहीं मिलेगा. वहीं कोचिंग संस्थानों को प्रचार-प्रसार व विज्ञापन से जुड़ी भी पाबंदी लगायी गयी है और निर्देश जारी किए गए हैं. फीस से लेकर शिक्षकों की योग्यता व पैमाने की भी बात गाइडलाइन में है. बिहार के भी हजारों कोचिंग संस्थानों में इसका पालन कराया जाएगा. वहीं बिहार के कोचिंग संस्थानों ने इसका विरोध किया है और गाइडलाइन पर आपत्ति दर्ज करायी है.
बिहार के 12736 निजी कोचिंग संस्थाओं में 10 लाख से अधिक (10,04,345) विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षा विभाग को यह आंकड़ा पंजीबद्ध कोचिंग संस्थाओं ने दिया है. ये आंकड़े कक्षा छह से लेकर सभी तरह की प्रतियोगी स्पर्धाओं की तैयारी कराने वाली कोचिंग संस्थाओं के हैं. लेकिन इसमें लगभग छह लाख बच्चे छठी से 10वीं तक के हैं, जो कोचिंग में पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा 1017 कोचिंग इंस्टीट्यूट पटना जिले में हैं. इनमें डेढ़ लाख से अधिक स्टूडेंट्स नामांकित हैं. सबसे कम 40 कोचिंग इंस्टीट्यूट जहानाबाद में हैं, जहां 6115 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं
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इधर,केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का कोचिंग संस्थानों ने विरोध किया है. कोचिंग ऐसोसिएशन ऑफ भारत के सचिव सुधीर सिंह ने कहा कि जो गाइडलाइन जारी की गयी है, वह बिल्कुल गलत है. इस पर आपत्ति है. जल्द ही इस मामले को लेकर दिल्ली में बैठक होगी. बैठक के बाद कोचिंग संस्थान प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्रीव राष्ट्रपति से मिल कर अपनी बात रखेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ बिहार के कोचिंग बाजार की बात करें, तो वह सालाना करीब 14 से 15 हजार करोड़ के बीच है. बिहार में कोचिंग बाजार की अपार संभावनाएं हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है. कोचिंग संस्थानों को विशेष निर्देश दिया गया है कि वो अच्छे नंबर दिलाने और बढ़िया रैंक हासिल कराने की गारंटी जैसे कोई भ्रामक दावे नहीं कर सकेंगे. बेतरकीब तरीके से निजी कोचिंग संस्थानों की बढ़ोतरी को रोकने की दिशा में ये कदम उठाए जा रहे हैं. विज्ञापन को लेकर पाबंदी लगायी गयी है और दिशानिर्देश के अनुसार, कोचिंग संस्थान अपने यहां पढ़े छात्र के रिजल्ट के बारे में कोई दावा करके भ्रामक विज्ञापन नहीं प्रकाशित करवा सकते हैं. कोचिंग संस्थान किसी भी शिक्षक या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो नैतिक कदाचार से जुड़े किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों की समस्या को लेकर भी गंभीर है. छात्रों की आत्महत्या जैसी घटना लगातार सामने आने के बाद अब कई सख्ती की जा रही है. अब नयी गाइडलाइन्स के अनुसार, 16 साल से कम उम्र के बच्चों का कोचिंग में दाखिला नहीं होगा. विद्यार्थियों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण कोचिंग संस्थानों को उन्हें तनाव से बचाने के लिए कदम उठाने होंगे. कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि छात्रों अनावश्यक दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित करनी होंगी. संस्थानों को एक परामर्श प्रणाली विकसित करनी होगी, जो छात्रों और अभिभावकों के लिए आसानी से उपलब्ध होगी. सक्षम प्राधिकार इस दिशा में कदम उठायेंगा.