भागलपुर लोकसभा सीट पर एकबार फिर से एनडीए समर्थित जदयू उम्मीदवार का कब्जा है. जदयू के सांसद अजय मंडल ने लगातार दूसरी बार इस सीट पर जीत दर्ज की है. लंबे अरसे बाद महागठबंधन में ये सीट कांग्रेस के खाते में आयी थी लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी अजीत शर्मा चुनाव हार गए. हार के बाद कांग्रेस कमिटी ने इसपर मंथन किया तो कांग्रेसियों ने अपने उम्मीदवार को ही हार का जिम्मेवार ठहराया. अधिकतरों ने एक सुर में कहा कि अजीत शर्मा के अहंकारी रवैये की वजह से ही चुनाव में कांग्रेस की हार हुई है.
भागलपुर में हार के बाद कांग्रेस ने की समीक्षा बैठक
भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से इंडिया महागठबंधन प्रत्याशी अजीत शर्मा के कामयाब नहीं होने पर जिला कांग्रेस भवन में कांग्रेस कमिटी की ओर से हार के कारणों को लेकर समीक्षात्मक बैठक रविवार को की गयी. बैठक में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सभी प्रखंड अध्यक्ष, चुनाव को लेकर जिला कांग्रेस कमिटी द्वारा नियुक्त सभी प्रखंडों के प्रभारी, 6 विधानसभाओं के प्रभारी व जिले के प्रमुख नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे. बैठक में कांग्रेसियों ने हार के कारणों पर बड़े विस्तार से बिंदुवार अपनी अपनी बातें रखी.
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प्रत्याशी अजीत शर्मा के रवैये को बतायी वजह
बैठक की अध्यक्षता ई परवेज जमाल ने की और संचालन महेश राय ने किया. इस बैठक में जब हार की वजह पर मंथन शुरू हुआ तो कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी अजीत शर्मा को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. सबने अपनी नाराजगी और संगठन में हुई चूक के बारे में खुलकर बातें कहीं. कुल मिलाकर सभी कांग्रेसियों ने प्रत्याशी के अंहकारी रवैया की बातें की. गठबंधन के विभिन्न दलों के नेताओं को तरजीह नहीं देना व उनका सदुपयोग नहीं कर पाने को हार का कारण बताया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अजीत शर्मा ने भी पलटवार करते हुए चुनाव के दौरान पार्टी के कई पदाधिकारियों के सुस्त रवैये पर सवाल खड़े किए हैं.
भागलपुर में राहुल गांधी ने की थी रैली
बता दें कि भागलपुर सीट पर कभी कांग्रेस का मजबूत कब्जा रहता था. लेकिन 1989 से कांग्रेस का ग्राफ लोकसभा चुनाव में धड़ाम से गिरा और अब लंबे अरसे बाद कांग्रेस को जीत की उम्मीद बनी थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में एकमात्र रैली भागलपुर में ही की थी लेकिन उनकी जनसभा भी कांग्रेस की यहां वापसी नहीं करा सकी.