Bihar News: बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के सिलसिले में दिये गये 826 करोड़ रुपये के अनुबंध यानि ठेकों को रद्द कर दिया गया है. पीएचईडी विभाग (Public Health Engineering Department) के अधिकारियों के मुताबिक ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी और अनियमितता पाई गई, जिसके कारण 826 करोड़ रुपये के 350 अनुबंध रद्द किये गये है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के लिए बेहतर ढंग से नहीं हुआ काम.
क्या है पूरा मामला
विभाग के मुताबिक महागठबंधन की सरकार 17 महीने तक रही है. इस दौरान पीएचइडी के 4600 करोड़ रुपये के कुल 1160 ठेके दिए गये है. जिसमें से अब तक 350 अनुबंध को रद्द कर दिया गया है. बाकी बचे ठेकों की जांच हो रही है. विभागीय सूत्रों ने कहा कि ग्रामीण जलापूर्ति प्रणाली से संबंधित 106 अनुबंध रद्द किये गये है. जमुई में 730, लखीसराय में 20, औरंगाबाद में 18 और आरा में 11 अनुबंध रद्द किया गया है.
सरकार को भेज दी गई है प्रारंभिक जांच रिपोर्ट
विभागीय जांच में मालूम हुआ है कि पिछली महागठबंधन की सरकार के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था से जुड़े 350 ठेके जिसमें 826 करोड़ रुपये के आवंटन में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था. ये ठेका चापाकल मिनी जलापूर्ति योजना आदि से संबंधित है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इन ठेकों का आवंटन रद्द कर दिया गया है. साथ ही इन ठेकों से जुड़ी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी गयी है. समीक्षा के बाद मामले में दोषी व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई होगी.
नीरज कुमार सिंह, मंत्री, पीएचइडी.
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