बिहार में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. सोमवार को रोहतास जिले में कोरोना से संक्रमित पहला और राज्य में चौथा मरीज मिला. राजधानी के बाहर यह पहला मरीज है जो कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. कोरोना संक्रमित पाई गई मरीज 10 साल की बच्ची है. नोखा की रहने वाली लड़की फिलहाल सासाराम के नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है. जिले में सोमवार को कुल 76 लोगों की जांच की गयी, जिनमें से 52 आरटीपीसीआर और 24 एंटीजन किट से की गयी. कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद जिले में सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है. इधर, राज्य में कोरोना जांच को लेकर अभियान जारी है. पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य भर में 3800 सैंपलों की जांच की गयी है.
एक समारोह में शामिल होने गई थी गया
संक्रमित बच्ची एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए गया के इमामगंज शेरघाटी गयी थी. जहां उनके एक रिश्तेदार आसनसोल से उनके साथ वहां शामिल होने आये थे. हालांकि वह स्वस्थ थे. उनके परिवार के सभी सदस्य और उनके संपर्क में आने वाले लोग स्वस्थ हैं. समारोह से लौटने के बाद बच्ची की तबीयत खराब हो गई और उसे डॉक्टरों के पास ले जाया गया. डॉक्टरों के रेफर करने के बाद वह इलाज के लिए नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल आई. जहां कोरोना जांच के बाद वो संक्रमित पाई गई.
बिहार में चार कोरोना संक्रमित
बता दें कि लंबे समय के बाद 21 दिसंबर को पटना में दो नये कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की गयी थी. उनमें से एक का केरल और दूसरे का असम की यात्रा करने का इतिहास था. वहीं रविवार को पटना में तीसरा मरीज मिला था. जिसके बाद अब राजधानी पटना से बाहर कोरोना संक्रमण का पहला और राज्य का चौथा केस मिला है.
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
सिविल सर्जन डॉ केएन तिवारी ने जिले के सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने का दिशा-निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि सर्दी-खांसी होने पर भी कोरोना की जांच कराएं. अपने यहां ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में रखें. फैब्रिकेटेड अस्पताल (कोरोना वार्ड) का काम लगभग पूरा हो चुका है. जिला स्वास्थ्य विभाग नये वेरिएंट को लेकर सरकार से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार कार्य कर रहा है.
जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने जिलों को अलर्ट करते हुए आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है. कोरोना महामारी के बाद 15 जिलों में आरटीपीसीआर जांच के लिए उपयोग में लाये जाने वाला वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया (वीटीआर) खत्म हो चुका है. अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की समीक्षा बैठक में वीटीआर की कमी की जानकारी मिली. इसके बाद विभाग की ओर से 48 हजार वीटीआर का आवंटन जिलों को कर दिया गया है, जिससे जांच में तेजी आये. साथ ही जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने यहां जांच के लिए आवंटित वीटीएम अविलंब प्राप्त कर जांच आरंभ कर दें.
निजी लैबों से भी जांच रिपोर्ट लेने का सिविल सर्जन को दिया गया निर्देश
कोरोना वायरस की सभी जांच रिपोर्ट प्राप्त करने की जिम्मेवारी सिविल सर्जनों को दी गयी है. राज्य में कोरोना के चार नए संक्रमितों के पाये जाने के बाद सिविल सर्जनों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने जिले के प्राइवेट लैबों में होनेवाले जांच रिपोर्ट भी प्राप्त करें. इसमें प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में होनेवाले जांच की भी नियमित रिपोर्ट प्राप्त की जाये.
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इन रोगियों की अनिवार्य रूप से जांच कराने का निर्देश
सिविल सर्जनों को विभाग की ओर से भेजे गये निर्देश में कहा गया है कि सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम और लैबोरेट्री में सभी प्रकार के बुखार, खांसी और सांस संबंधी बीमारियों जिसमें आइएलआइ (इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस) और एसएआरआइ (सिवियर एक्यूट रेस्परेटरी इंफेक्शन) के रोगियों की अनिवार्य रूप से कोविड जांच कराने को लेकर समन्वय बैठक की जाये. यदि जांच रिपोर्ट पाज़िटिव आती है तो ऐसे हालात में उन सभी मरीजों की जिनोम सिक्वेंसिंग को लेकर सैंपल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना को भेजी जाये. साथ ही आइएलआइ और एसएआरआइ के मामलों की रिपोर्ट समेकित रुप से स्वास्थ्य सूचना प्लेटफार्म (आइएचआइपी) पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड की जाये.