छपरा. कोरोना टीकाकरण के सफल क्रियान्वयन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देश के अनुसार जिले में आठ जनवरी को सत्र स्थलों पर मॉकड्रिल आयोजित की जायेगी. इससे पूर्व भी बिहार के तीन जिलों (जमुई, पटना व बेतिया) में कुल नौ सत्र स्थलों पर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया था.
इसी क्रम में बुधवार को कोविड-19 वैक्सीनेशन ड्राई रन की तैयारियों को लेकर सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें अब तक की गयी तैयारियों के बिंदुओं पर चर्चा हुई.
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कोविड-19 टीकाकरण के सफल कार्यान्वयन के लिए कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिरिंज व अन्य लॉजिस्टिक्स की पर्याप्त आपूर्ति भी सुनिश्चित की गयी है. टीकाकरण स्थलों पर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर वैक्सीनेटरों को प्रशिक्षित भी किया गया है.
जिसमें लाभार्थी सत्यापन, टीकाकरण, कोल्ड चेन और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन, बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, एइएफआइ प्रबंधन और को-विन सॉफ्टवेयर पर जानकारी अपलोड करना शामिल है.
कोरोना टीकाकरण के सफल कार्यान्वयन को लेकर जिले में ड्राई रन यानी मॉकड्रिल तीन जगहों पर स्थल चिह्नित किया जायेगा. मॉकड्रिल के लिए राज्यस्तर पर सभी डीआइओ को प्रशिक्षण दिया गया.
ड्राई रन का उद्देश्य स्वास्थ्य प्रणाली में कोविड-19 टीकाकरण रोल-आउट के लिए निर्धारित तंत्रों का परीक्षण करना और प्रखंड ब्लॉक और जिला में योजना, कार्यान्वयन और रिपोर्टिंग के लिए को-विन एप्लिकेशन के उपयोग के परिचालन का आकलन करना है.
जिले में सुबह नौ बजे से ड्राई रन शुरू किया जायेगा. इसके लिए सर्वप्रथम आशा, एएनएम लाभार्थी की का थर्मल स्क्रीनिंग करेंगी. उसके बाद फर्स्ट वैक्सीनेटर ऑफिसर होम गार्ड होंगे, जो लाभार्थी के आई कार्ड का मिलान करेंगे.
दूसरा वैक्सीनेटर ऑफिसर डाटा ऑपरेटर होगा जो वहां लाभार्थी के रजिस्ट्रेशन का मिलान करेंगे. तीसरे वैक्सीनेटर इंजेक्शन देंगे. उसके बाद वेटिंग एरिया में आधे घंटे लाभार्थी इंतजार करेंगे. उसके बाद उन्हें छोड़ा जायेगा.
टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए एडवर्स इवेंट्स फोल्विंग इम्यूनाइजेशन (एइएफआइ) का अभ्यास किया जायेगा. साथ ही इससे निबटने के लिए बनाये गये कॉल सेंटर का परीक्षण भी किया जायेगा. ड्राई रन की निगरानी जिला कलेक्टरों द्वारा की जायेगी.
जिले में अब 7500 सरकारी व 2300 निजी स्वास्थ्य कर्मियो का डाटा तैयार कर लिया गया है. इन सभी लोगों का डाटा कोविन पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है.
इसी तरह से आइसीडीएस के करीब 7000 कर्मियों का डाटा बेस तैयार किया गया है. जिनका प्रथम चरण में टीकाकरण कार्य किया जाना है.
Posted by Ashish Jha