पटना. बिहार मौसम से संबंधित विभिन्न खतरों के लिए अत्यधिक संवेदनशील है. लू, ओलावृष्टि, बारिश आंधी और बिजली गिरना,बाढ़ और सूखा,कोहरा,धुंध,शीत लहर जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर देते हैं. लोगों की सुरक्षा को देखते हुए राज्य सरकार ने पांच दिनों का मौसम पूर्वानुमान की व्यवस्था की है. इसके लिए प्रखंड स्तर पर स्वचालित मौसम केंद्र बनाये गये हैं. मौसम पूर्वानुमान को लेकर राज्य सरकार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से भी मदद ले रही है.मौसम पूर्वानुमान के बिहार मॉडल की न केवल सराहना हो रही है,बल्कि इस मॉडल को पूरा देश भी अपनायेगा.बिहार मॉडल की सफलता को देखने इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ भी बिहार आयेंगे.
कैसे किया जाता है मौसम पूर्वानुमान
राज्य के सभी प्रखंडों में स्थापित स्वचालित मौसम केंद्र से प्राप्त आंकड़े और इसरो से मिले आंकड़ों का बिहार मौसम केंद्रों के वरीय वैज्ञानिक विश्लेषण कर मौसम पूर्वानुमान का आकलन करते हैं. मौसम विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक प्रभु बताते हैं कि प्रखंड स्तरीय मौसम विज्ञान केंद्र से तापमान,आर्द्रता, हवा की गति और दिशा के बारे में हर 15 मिनट पर आंकड़े मिलते रहते हैं.
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पांच दिनों के लिए मौसम पूर्वामान
उन्होंने बताया कि इन आंकड़े को इसरो के सेटेलाइट से मिले आंकड़ों के साथ मिलाकर विश्लेषण किया जाता है. यह विश्लेषण वैज्ञानिक की टीम, विशेष कंप्यूटर साॅफ्टवेयर के जरिये करती है. उन्होंने बताया कि इसी विश्लेषण के आधार पर पांच दिनों के लिए मौसम पूर्वामान लगाया जाता है. विभाग के विशेष सचिव संजय कुमार पंसारी ने बताया कि बिहार मौसम विज्ञान केंद्र की टीम में आइआइटी और राष्ट्रीय स्तर की संस्थानों से प्रशिक्षित प्रोफेशनल है और बेहतरीन काम कर रहे हैं.
क्या कहते हैं विभागीय मंत्री
योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य के सभी प्रखंडों में स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित हो गया है. इसके बाद अब राज्य के हर हिस्से से मौसम पूर्वानुमान की जानकारी सहजता से उपलब्ध हो रही है. कुछ दिन पहले नासा के वैज्ञानिक भी बिहार मौसम केंद्र देखने आये थे. इसरो अध्यक्ष भी आयेंगे.यह राज्य के लिये गौरव की बात है.