बिहार की सड़कों पर अब ज्यादा दिनों तक 15 से 20 साल पुरानी गाड़ियां नहीं दिखेंगी. परिवहन विभाग ने राज्य के 25 जिलों में स्क्रैप सेंटर खोलने का फैसला किया है. इस के लिए 19 मई तक ऑनलाइन आवेदन मांगा गया है. स्क्रैप सेंटर शुरू होने के बाद बिहार की सड़कों से लगभग डेढ़ लाख से अधिक गाड़ियां बाहर हो जायेंगी. पुरानी गाड़ियों के सड़क से हट जानें के बाद वातावरण में प्रदूषण भी कम होने की संभावना है, क्योंकि पुरानी गाड़ियों के धुएं से अधिक प्रदूषण होता है.
15 से 20 साल पुरानी गाड़ियां जाएंगी स्क्रैप में
परिवहन विभाग के मुताबिक 15 से 20 साल पुरानी गाड़ियां स्क्रैप पॉलिसी में आयेंगी. नियमानुसार 15 साल पुराने व्यवसायिक वाहन और 20 साल पुरानी निजी गाड़ियां स्क्रैप में जायेंगी. जानकारी के मुताबिक व्यवसायिक वाहनों में ट्रक एवं बस, ऑटो, ट्रैक्टर जैसे वाहनों की संख्या 40 हजार से अधिक है.
ऑटोमैटिक सेंटर में होगा गाड़ियों का फिटनेस जांच
स्क्रैप पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि पुरानी गाड़ियों की प्रदूषण जांच ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर पर होगा. इस निर्णय के बाद राज्य भर में 40 से अधिक सेंटरों का निर्माण कार्य चल रहा है, जहां ऑटोमैटिक तरीके से जांच होगी.
जांच के बाद होगा स्क्रैपिंग
विभागीय योजना के अनुसार निबंधित कबाड़ केंद्रों पर गाड़ियों की स्क्रैपिंग कराने से पहले इसकी जांच की जायेगी वास्तव में गाड़ी का मालिक सही है या नहीं. इसके लिए ऑनर बुक, आधार कार्ड से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से भी मदद ली जायेगी. रिकार्ड की जांच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ ही स्थानीय पुलिस की ओर से चोरी होने वाले वाहनों की रिकाॅर्ड से भी मिलान किया जायेगा. जिन गाड़ियों को कबाड़ केंद्रों में नष्ट किया जायेगा, उसका रिकॉर्ड कम से कम छह महीने तक सुरक्षित रखा जायेगा.
इन जिलों में खुलेगा स्क्रैप सेंटर
भोजपुर, बक्सर, नालंदा, कैमूर, रोहतास, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, शिवहर, सीतामढ़ी, गया, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, अररिया, किशनगंज, छपरा, मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई और सुपौल.