बिहार में साइबर पुलिस ने एक नये तरीके के साइबर अपराध करने के मामले का खुलासा किया है. साथ ही चार लाख रुपये के साथ दो साइबर अपराधियों को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया है कि साइबर अपराधी गांव-गांव घूम-घूम कर व किसी भी बैंक कार्यालय के पास सरकार की जनकल्याण योजना के तहत बने राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन का लाभ दिलाने के नाम पर लाभुकों से आधार नंबर व फिंगर प्रिन्ट प्रिंट ले लेता था. इसके बाद ब्लू गन से ग्लू लिक्विड डालकर नकली फिंगर प्रिंट तैयार कर बैंक खाते से लिंक आधार के सहारे विभिन्न तकनीक के सहारे रुपये की निकासी कर लेता था.
दो साइबर अपराधी नवादा से गिरफ्तार
इस मामले का खुलासा पुलिस ने तब किया जब एक महिला ने बैंक खाते से करीब आठ हजार रुपये फर्जी तरीके से निकासी कर लिये जाने की शिकायत साइबर थाना में आवेदन दे कर की. उस आवेदन पर एसपी अब्रीश राहुल के निर्देश पर साइबर पुलिस उपाधीक्षक सह थानाध्यक्ष प्रिया ज्योति के नेतृत्व में एक एसआइटी टीम गठित कर कार्रवाई शुरू कर दी गयी. इसके बाद विभिन्न तकनीक के माध्यम से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. जो रिश्ते में जीजा-साला लगता था.
500 फर्जी फिंगर प्रिंट के नमूने सहित लैपटॉप, मोबाइल बरामद
गिरफ्तार अपराधी कादिरागंज ओपी क्षेत्र के खरगू बिगहा के सिदेश्वर प्रसाद के पुत्र हृदय कुमार व अकबरपुर थाना क्षेत्र के गांडी गांव के राजेश प्रसाद के पुत्र राजा कुमार है. आश्चर्य की बात है कि हृदय कुमार पढ़ाई के मामले में केवल सातवीं पास है. साइबर पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्त के निशानदेही पर खरगू बिगहा से करीब 500 फर्जी फिंगर प्रिंट के नमूने, एक लैपटॉप, चार मोबाइल व फिंगर प्रिंट स्कैनर मशीन सहित कई दस्तावेज बरामद किया है. तलाशी के दौरान करीब चार लाख 54 हजार 500 रुपये नकद बरामद हुआ है.
स्टॉल लगाकर आधार नंबर व फिंगर प्रिंट लेते थे अपराधी
एसपी अंब्रीश राहुल ने पुलिस कार्यालय में बताया कि साइबर अपराध के एक नए तरीके का उद्भेदन हुआ है, जो साइबर पुलिस की एक उपलब्धि है. एसपी के अनुसार भोले भाले लोगों से सरकार के विभिन्न जन कल्याण योजना का लाभ दिलाने के नाम पर गांव गांव घूमकर तथा प्रखंड कार्यालय के पास स्टॉल लगाकर आधार नंबर तथा फिंगर प्रिंट लेता था. इस फिंगर प्रिंट की विभिन्न तकनीकी की माध्यम से फर्जी फिंगर प्रिंट तैयार कर आधार से जुड़े बैंक खाते की जमा राशि खाली कर देता था. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसकी निशानदेही पर सैकड़ों फर्जी फिंगर प्रिंट सहित स्कैनर मशीन सहित अन्य सामग्री बरामद हुआ है. करीब साढ़े चार लाख रुपये की बरामदगी की गयी है. इसलिए अन्य लोगों से एसपी ने अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को आधार नंबर या फिंगर प्रिंट नहीं दें. बैंक या किसी अन्य कार्यालय में ही जाकर फिंगर प्रिंट दिया करें, नहीं तो विभिन्न तरह के साइबर अपराधी आपके खाते की राशि की निकासी कर लेगा.
साइबर अपराधी लोगों को फंसाते हैं सेक्सटॉर्शन की जाल में
इसके अलावा साइबर अपराधी कई अनु तरीकों से भी लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं. इनमें से एक सेक्सटॉर्शन भी है. अपराधी ऑनलाइन और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सेक्सटॉर्शन की जाल में फंसाते हैं. इसके लिए ब्लैकमेलर्स सोशल साइट के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर पहले किसी की प्रोफाइल चेक करते हैं. उसके बाद सोशल साइटस् पर दोस्ती कर वहां से संबंधित लोगों का मोबाइल नंबर प्राप्त् कर लेते हैं. इतना ही नहीं अगर आपने अपने फेसबुक पेज पर अपना फैमिली बेकग्राउंड पोस्ट कर रखा है तो उसकी जानकारी भी ब्लैकमेलर्स निकाल लेते हैं.
वीडियो कॉल करते हैं साइबर अपराधी
पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद साइबर अपराधी आपको वाट्सएप या मैसेंजर पर वीडियो कॉल करते हैं. साइबर अपराधियों द्वारा बार-बार वीडियो कॉल की जाती है. ज्यादातर रात के वक्त ही साइबर अपराधी वीडियो कॉल करते हैं. वीडियो कॉल रिसीव करते ही आपके मोबइल स्क्रीन पर एक न्यूड महिला आपसे बात करनी शुरू कर देगी. बातचीत का दायरा पूरी तरह अश्लील होता है. वह आपको भी अपने कपड़े उतारने को कहेगी. अगर आपने ऐसा किया तो अश्लील हरकत करने के साथ ही आपके वीडियो कॉल की स्क्रीन रिकॉर्डिंग शुरू हो जायेगी. जो आपको पता भी नहीं चलेगा. फिर उस वीडियो क्लिप को वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया जायेगा.