Darbhanga AIIMS : पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को दरभंगा एम्स का शिलान्यास किया है. दरभंगा के एकमी-शोभन बाइपास पर एम्स निर्माण के लिए भूमि पूजन किया है. दरभंगा में एम्स बनाने की मंजूरी 19 सितंबर 2020 को मिली थी. एम्स की घोषणा के 9 सााल बाद इसका शिलान्यास हुआ है. पटना में पहले से सूबे का एक एम्स काम कर रहा है.
दरभंगा एम्स बलिया मौजा के पंचोभ गांव में बनेगा. दरभंगा एम्स का निर्माण 1700 करोड़ रुपए से की जाएगी. दरभंगा एम्स के मॉडल का निर्माण दिल्ली आईआईटी को दिया गया है. इस प्रोजेक्ट को 3 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
दरभंगा में बनने वाला एम्स में 750 बेड का होगा. इसमें मेडिकल और नर्सिंग पााठ्यक्रमों के लिए एक शिक्षण ब्लॉक और आवासीय कैंपस होगा. इसके साथ ही इससे संबंधित सुविधाएं और सेवाएं भी होंगी.
यह 187 एकड़ में फैला होगा. पहले चरण में 2.25 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में एम्स के भवन का निर्माण होगा. बिहार के दरभंगा में बनने वाले दूसरे एम्स के निर्माण का काम नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन की सहायक इकाई-हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कॉरपोरेशन को टेंडर दिया गया है.
उत्तर बिहार के लिए ये एम्स वरदान है. इस एम्स से मिथिला के 8 करोड़ लोगों को फायदा होगा. इस एम्स से समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया के लोगों को फायदा होगा.
इसका फायदा पड़ोसी राज्य बंगाल के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल के लोगों को भी होगा. उनको स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी.
पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में साल 2015-16 में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दरभंगा में एम्स के निर्माण का ऐलान किया था. 2 साल बाद केंद्र सरकार ने बिहार सरकार से एम्स बनाने के लिए 2-3 विकल्प मांगा था. दरभंगा में एम्स बनाए जाने की मंजूरी 19 सितंबर 2020 को दी थी. बिहार सरकार ने पहली बार 3 नवंबर 2021 को जमीन दी थी.
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