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Darbhanga Weather: अब राह चलते जान सकेंगे मौसम का हाल, हर 15 मिनट पर आंकड़े होंगे अपडेट

Darbhanga Weather: दरभंगा के कामेश्वर नगर में मौसम स्टेशन की स्थापना की गयी है. मौसम स्टेशन से हर 15 मिनट पर आंकड़े एकत्र होंगे और वो मोबाइल पर पहुंचनेंगे. इस स्टेशन के चालू होने से छात्रों के साथ साथ किसानों और मछुआरों को भी लाभ मिलनेवाला है.

Darbhanga Weather: दरभंगा. दरभंगा में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, पटना के सहयोग से स्वचालित मौसम स्टेशन की स्थापना की गई है. कामेश्वर नगर में स्थापित इस स्टेशन में लगे सिस्टम मौसम डेटा को नापता है और फिर उसे रिकॉर्ड कर लोगों तक पहुंचाता है. यह मौसम स्टेशन दरभंगा की हवा, तापमान, हवा की दिशा, हवा की गति, सापेक्ष आर्द्रता, वर्षा की मात्रा और ओस सबके बारे में जानकारी देता है. इस स्टेशन की स्थापना के बाद अब राह चलते दरभंगा के मौसम का हाल लोग जान सकेंगे. स्टेशन का जायजा लेने पहुंचे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह स्वचालित मौसम स्टेशन विद्यार्थियों और अनुसंधानकर्ताओं को नई संभावनाओं की दिशा में ले जाने में मदद करेगा. साथ ही जलवायु विज्ञान में नवीनतम अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने इस तकनीकी उन्नति के लिए विश्वविद्यालय भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनय नाथ झा तथा शिक्षकों को बधाई दी है.

15 मिनट की अवधि पर आँकड़े हो रहे उपलब्ध

मौसम स्टेशन के समन्वयक डॉ. मनु राज शर्मा ने बताया कि यह विश्वविद्यालय में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए दृष्टिकोण से मौसमी आँकड़ों की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा और प्राकृतिक आपदाएँ जैसे बाढ़, सूखा, लू और एक्सट्रीम वेदर के अनुमान करने में सहयोग करेगा. यह मौसम स्टेशन वायु तापमान, वर्षा, वायुमंडलीय दाब , हवा की गति और दिशा पर हर 15 मिनट की अवधि पर आँकड़े उपलब्ध करने के लिए नवीनतम तकनीक से निर्मित है. मौसम स्टेशन में आधुनिक उपकरणइस स्वचालित मौसम स्टेशन में अलग-अलग विशेष उपकरण लगाए गए हैं. जैसे थर्मामीटर, वायु-फलक, कप एनीमोमीटर, आर्द्रतामापी एवं वर्षामापी. सबसे पहले, यह सेंसर से डेटा लेता है उसके बाद इस डेटा को प्रोसेस करके स्टोर करने के बाद एप्स या मोबाइल तक भेजता है.

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किसान-मछुआरों के लिए मददगार

मौसम स्टेशन से न केवल यहां के छात्रों को बल्कि यहां के किसानों को भी बहुत लाभ मिलेगा. विश्वविद्यालय के छात्र इस उपकरण के बारे में अच्छे से जान पाएंगे. इस विषय के छात्रों को पढ़ाई में इसका लाभ मिलेगा. किसान भी मौसम की जानकारी लेकर मौसम के अनुसार अपने खेती किसानी कर सकेंगे. कौन सी फसल कब लगाना है, कब काटना है, इसकी योजना बना सकते हैं. इसी प्रकार मछुआरे भी मौसम के अनुसार योजना बना सकते हैं. किस मौसम में मछलियों के बीज डालें, और कब मछलियां बाजार में बेचने योग्य आकार की हो जाएंगी, उसे कब पकड़ना है. मछलियों में किस मौसम में आहार डालना है. कब नहीं डालना है. मछली पकड़ने जाने से पहले उन्हें तूफान या बारिश की पहले से जानकारी मिल जाएगी.

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