दरभंगा.
विशेष भू सर्वेक्षण को लेकर गांव के लोगों में अफरा तफरी का माहाैल है. शहर समेत दूसरे जिले एवं दूसरे प्रदेश में रोजी-रोटी को लेकर रह रहे लोग काम-धंधा छोड़ कर गांव लौट आये हैं. उन्हें पुस्तैनी जमीन को बचाने की चिंता खाये जा रही है. दिनभर लोग कागजातों की तलाश तथा उपलब्ध कागजातों को व्यवस्थित करनें में लगे रहते हैं. वैसे लोग जो पर्व-त्योहारों में भी गांव आना जरूरी नहीं समझ रहे थे, आजकल उनके आने से गांव गुलजार है.गली-गली की खाक छान रहे शहरी बाबू :
गांव की मिट्टी से दूर चले गये शहरी लोग आजकल गांव में गली-गली की खाक छान रहे हैं. गांव में रहने वाले भाइ अथवा फरीक सामान्यत जमीन से जुड़े कागजात इनको साझा नहीं कर रहे. अबतक पुस्तैनी जमीन से आंख मूंदे लोग कागजातों की तलाश में जिला अभिलेखागार तथा रजिस्ट्री कार्यालय की भी दौड़ लगा रहे हैं. जमीन की चौहद्दी पता की जा रही है.निजी अमीनों का भाव सातवें आसमान पर :
प्रपत्रों को भरने में पढ़े लिखे लोगों को भी पसीना आ रहा है. अबतक लोग कट्ठा तथा धूर से ही काम चला रहे थे. प्रपत्रों में डिसमिल में इसे बदलना सामान्य काम नहीं बताया जा रहा. लोगों ने बताया कि विशेषकर धूर को डिसमिल में बदलना मुश्किल भरा हो रहा. लोग इसके लिये निजी अमीन का सहारा ले रहे हैं. प्रपत्र भरने के लिय मनमाना पैसा निजी अमीनों द्वारा लिया जा रहा है. कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जहां मौखिक बंटवारे को लेकर तनाव का माहाैल देखा जा रहा है. जिला प्रभारी बंदोबस्त पदाधिकारी कमलेश प्रसाद ने बताया कि किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है. विशेष सर्वे में दावा आपत्ति के लिए तीन चांस है. संबंधित अंचल क्षेत्र में ग्रामीणों से शिविर लगाकर प्रपत्र प्राप्त किया जा रहा है. अभिलेखागार के प्रभारी पदाधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि जिला अभिलेखागार में खतियान का नकल सहूलियत से उपलब्ध कराया जा रहा है. ऑनलाइन खतियान का नकल निकालने की भी सुविधा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है