पटना जिले में कोरोना अब रफ्तार पकड़ने लगा है. 24 घंटे में कुल 2770 संदिग्ध लोगों की जांच की गयी. जिसमें 80 नये संक्रमित पाये गये. इनमें 72 मरीज पटना व बाकी आठ मरीज अन्य जिले के रहने वाले हैं. इसके साथ ही जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या भी 392 हो गयी है. वर्तमान में शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच, पटना एम्स व दो निजी अस्पताल मिलाकर कुल 20 मरीज भर्ती हैं.
वहीं सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी पीएचसी व अनुमंडलीय अस्पतालों में भी मास्क अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा शहर के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कोविड के मरीजों को अलग से वार्ड बनाया गया है. 24 घंटे में जो मरीज मिले हैं उनमें सबसे अधिक कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, सचिवालय कॉलोनी, शास्त्रीनगर, महेंद्रू, बुद्धा कॉलोनी, दानापुर, दनियावां, पंडारक व गोलारोड शामिल हैं.
कोरोना के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच एक बार फिर जरूरत की दवाओं की मांग बढ़ने लगी है. कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही दवाओं की खपत करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ गयी है. शहर के गोविंद मित्रा रोड दवा मंडी के दुकानदारों की मानें तो इन दिनों सबसे अधिक सर्दी-जुकाम, बुखार एंटीबायोटिक, एंटीएलर्जिक दवाओं की मांग हो रही है. आलम यह है कि मेडिकल स्टोर पर आने वाला हर पांचवां व्यक्ति ऐसी दवाएं मांग रहा है. दुकानदारों की माने तो बीते एक सप्ताह से इन दवाओं की डिमांड अधिक बढ़ गयी है.
पटना में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 400 के पार पहुंच गयी है. इसका असर दवा बाजार पर भी पड़ा है. खुद को कोविड से बचाने और अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोग सबसे ज्यादा जिंक, मल्टीविटामिन, आयरन आदि की दवा ले रहे हैं. काढ़े की बिक्री भी बढ़ी है.
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मास्क, सैनेटाइजर की बिक्री में पांच प्रतिशत तक इजाफा हुआ है. बिहार केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पीके सिंह का कहना है कि कोविड को देखते हुए जरूरत की दवा लेने वाले लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि जब से स्वास्थ्य विभाग की नयी गाइडलाइन आयी है तब से मास्क व सैनेटाइजर की बिक्री बढ़ गयी है