दरभंगा. बिहार का दूसरा एम्स दरभंगा के शोभन इलाके में बनेगा. राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया है. वर्षों से चली आ रही उलझन अब सुलझ गयी है. अगले कुछ दिनों में यहां भूमि भूजन की उम्मीद की जा रही है. केंद्र से सहमति पत्र मिलने के बाद दरभंगा एम्स की नई डिजाइन पर भी मुहर लगा दी गयी है. माना जा रहा है कि जल्द ही भवन निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी.
राज्य सरकार को करना है ये काम
केंद्र सरकार की शर्तों में दरभंगा एम्स को फोरलेन की कनेक्टिविटी, जमीन समतल कर बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करना शामिल था. राज्य सरकार ने केंद्र की सभी शर्तों को पूरा करने पर सहमति दे दी थी, साथ ही केंद्र से अनुरोध किया गया था कि दरभंगा में एम्स का ऐसा डिजाइन बने जो स्थानीय जरूरतों को पूरा करें. इसके बाद एम्स का नया डिजाइन तैयार किया गया है. नये डिजाइन में भूकंपरोधी पिलर और अंडरग्रांउड पार्किंग की बात सामने आ रही है. इससे राज्य सरकार को मिट्टी की भराई में खर्च की राशि कम होने की उम्मीद है.
अब लोगों को है जल्द काम शुरू होने का इंतजार
जदयू प्रवक्ता सह बेनीपुर विधानसभा के विधायक विनय चौधरी ने बताया कि बहुत दिनों से मिथिला के लोग एम्स चाह रहे थे. उसकी यह मांग अब पूरी हो गयी है. केंद्र से सहमति मिलने में जितना समय लगा, अब काम तेजी से होगा. उन्होंने कहा कि समय पर निर्णय होता तो उसका शिलान्यास और उद्घाटन समारोह विधानसभा चुनाव से पूर्व हो जाता. अब यही उम्मीद है कि यहां जल्द से जल्द निर्माण का काम शुरू हो.
दरभंगा रहा है स्वास्थ्य सेवा का प्रमुख केंद्र
उन्होंने कहा कि दरभंगा स्वास्थ्य सेवा का एक पुराना केंद्र रहा है और आनेवाले दिनों में भी दरभंगा एक बड़ा केंद्र बना रहेगा. एम्स के अलावा दरभंगा के डीएमसीएच में मुख्यमंत्री ने 21 सौ बेड का शिलान्यास किया है. दरभंगा को एक तरफ 21 सौ बेड का डीएमसीएच और दूसरा एम्स भी मिल गया. अब जब स्वीकृति मिल गई है. डिजाइन की भी सहमति मिल गई है. हमलोग टेंडर को अंतिम रूप देकर जल्द काम शुरू कर देंगे, ताकि एम्स का निर्माण वहां जल्द हो जाए.
स्थानीय लोगों ने बताया सपने का सच होना
एम्स को लेकर अंतिम फैसला हो जाने के बाद स्थानीय लोगों के बीच काफी खुशी है. राकेश कुमार झा ने बताया कि हमलोग दरभंगा एम्स के बारे में बहुत दिन से सुन रहे थे. दरभंगा एम्स में राजनीति भी हुई, लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को सहमति पत्र भेजने के बाद नये डिजाइन की बात भी कही जा रही है. हमलोगों के लिए इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि अस्पताल का नाम और इलाका जरूर दरभंगा है, लेकिन इससे सिर्फ दरभंगा के लोगों को ही नहीं, बल्कि, उत्तर बिहार के तमाम जिलों के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल के लोगो को सीधा लाभ मिलेगा.
2015 से था लोगों को इंतजार
2015 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार में दूसरा एम्स बनाने की घोषणा की थी. पांच साल बाद 2020 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय कैबिनेट से दरभंगा में एम्स बनाने की मंजूरी दी गई, तो राज्य सरकार ने जमीन चिह्नित करने का काम शुरू किया. पहले डीएमसीएच अस्पताल परिसर में एम्स बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने पास किया. लेकिन, बाद में राज्य सरकार ने पाया कि एक ही परिसर में दो-दो अस्पताल बनने से यह साधारण अस्पताल बनकर रह जाएगा. इसके बाद राज्य सरकार ने शोभन बाइपास में बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण का नया प्रस्ताव 7 दिसंबर 2023 को केंद्र को दिया था. प्रस्ताव में केंद्र सरकार की आवश्यक शर्तों को राज्य सरकार ने मान ली थी, जिसके बाद केंद्र सरकार राज्य सरकार से सहमत हो गई है.