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बिहार में सामान्य बुखार होने पर भी सता रहा डेंगू का डर, सारण सदर अस्पताल में हर दिन हो रही 70 सैंपल की जांच

सदर अस्पताल में भी हर दिन 70 सैंपल की जांच की जा रही है. जिनमें से चार से पांच मरीजों में डेंगू के शुरुआती लक्षण मिल रहे हैं. वहीं कुछ मरीजों में गंभीर लक्षण भी दिख रहे हैं. जिन्हें इमरजेंसी विभाग में बने डेंगू वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है.

छपरा. डेंगू पूरे जिले में तेजी से पांव पसार रहा है. सामान्य बुखार वाले मरीज भी अब डेंगू के डर से अपनी जांच करा रहे हैं. शहर के कई निजी अस्पतालों में भी डेंगू से पीड़ित मरीज इस समय भर्ती हैं. वहीं सदर अस्पताल में भी हर दिन 70 सैंपल की जांच की जा रही है. जिनमें से चार से पांच मरीजों में डेंगू के शुरुआती लक्षण मिल रहे हैं. वहीं कुछ मरीजों में गंभीर लक्षण भी दिख रहे हैं. जिन्हें इमरजेंसी विभाग में बने डेंगू वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. डेंगू वार्ड में इस समय चार मरीज इलाजरत हैं. वहीं एक सप्ताह पहले दो नये मरीज भर्ती किये गये हैं.

अब तक डेंगू वार्ड में 20 मरीज भर्ती

अब तक डेंगू वार्ड में 20 मरीज भर्ती किये जा चुके हैं. जिनमें से 10 स्वस्थ होकर घर लौट गये. छह को पटना रेफर किया गया है. आइसीयू में भी दो दिनों के लिए तीन मरीजों को शिफ्ट किया गया था. जहां उनकी स्थिति सामान्य होने के बाद फिर से डेंगू वार्ड में भेज जिया गया. सिविल सर्जन के निर्देश पर डेंगू वार्ड की निगरानी के लिए चिकित्सकों की एक टीम गठित की गयी है. चिकित्सक सुभाष शर्मा ने डेंगू वार्ड की जांच कर वहां उपलब्ध व्यवस्थाओं की जानकारी ली और कर्मियों को साफ सफाई की व्यवस्था से लेकर मरीज के लिए अन्य जरूरी इंतजाम किये जाने के निर्देश दिये. डेंगू वार्ड में 10 बेड मौजूद हैं.

हर बुखार डेंगू नहीं, रहें सतर्क

सदर अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि हर बुखार डेंगू नहीं है. बुखार दो दिन से अधिक रहने पर तुरंत अस्पताल जाकर अपनी जांच करानी चाहिये. वहीं यदि डेंगू के प्रारंभिक लक्षण दिखे तो सतर्क हो जाना चाहिये. आमतौर पर सीजन चेंज होने के कारण भी लोग वायरल की चपेट में आ रहे हैं. फिर भी एहतियात जरूरी है. घरों में साफ- सफाई विशेष ध्यान देना चाहिये.

जिला प्रशासन ने भी जारी किया अलर्ट

डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में है. डीएम अमन समीर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया और उन्हें कई आवश्यक निर्देश भी दिये हैं. डीएम ने डेंगू के हॉट स्पॉट में विशेष नजर रखते हुए त्वरित कार्रवाई करने, वृहत स्तर पर फॉगिंग तथा एन्टी-लार्वा रसायन (टेमीफॉस) का छिड़काव करने, स्वास्थ्य प्रशिक्षकों द्वारा नगर निकायों में फॉगिंग कराने, डेंगू को नियंत्रित करने के लिए संदिग्ध मरीजों की निगरानी रखने के निर्देश दिये गये हैं. डेंगू मरीज जहां रह रहे हैं. वहां के आस-पास 500 मीटर रेडियस में तुरंत टेक्निकल मालाथियोन की फॉगिंग कराने का गाइडलाइन जारी किया गया है.

लगातार बदल रहा मौसम, वायरल पीड़ितों की बढ़ी ओपीडी में भीड़

पिछले 10 दिनों में हर दिन मौसम में बदलाव दिख रहा है. कभी दिन में कड़ी धूप निकल जा रही है. तो कभी दिन भर बादल छाये रह रहे हैं. मौसम में बदलाव लोगों के सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है. सर्दी, खांसी, बुखार इन दिनों आम समस्या हो गयी है. सदर अस्पताल के ओपीडी समेत सभी निजी क्लिनिकों में भी वायरल से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. सदर अस्पताल में प्रतिदिन छह से सात सौ मरीज रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. जिसमें से 50 फीसदी मरीज वायरल से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं.

पेट दर्द व तेज बुखार से घबरा रहे मरीजों के परिजन

कई मरीजों में तेज पेट दर्द व तेज बुखार की शिकायत भी मिल रही है. सदर अस्पताल के ओपीडी समेत विभिन्न अस्पतालों में परिजन ऐसे मरीजों को लेकर पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल में मंगलवार को इमरजेंसी विभाग में चार मरीज तेज पेट दर्द की शिकायत लेकर आये थे. जिन्हें इमरजेंसी विभाग में जांच के बाद वार्ड में शिफ्ट किया गया. हालांकि प्रारंभिक उपचार के बाद उनकी स्थिति सामान्य हो गयी. वरीय चिकित्सक डॉ केएम दुबे ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ कई बीमारियां असर कर रही हैं. वहीं इस समय खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है.

स्कूल से लौट कर बीमारी पड़ रहे बच्चे

मौसम का असर स्कूली बच्चों पर भी दिख रहा है. स्कूल से लौटते ही बच्चों में आंखों में जलन, बुखार, सर्दी, खांसी, पेट दर्द, थकान की शिकायत आ रही है. कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को इस समय बढ़ते वायरल संक्रमण से बचाव को ध्यान में रखते हुए स्कूल भेजना बंद कर दिया है. कई स्कूलों में उपस्थित घट गयी है. खासकर दोपहर में कड़ी धूप के बीच घर लौट रहे बच्चे मौसम के असर से तुरंत वायरल की चपेट में आ जा रहे हैं. सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप कुमार यादव ने बताया कि छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना होगा.

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