धनबाद के आशीर्वाद टावर अग्निकांड में शाम करीब 6.20 बजे आग लगी, अग्निशमन विभाग 7.40 बजे आग पर काबू पाया. उसके बाद बैंकमोड़ थाना के इस्पेक्टर डॉ. पीके सिंह समेत अन्य लोगों ने महिला को लेकर एंबुलेंस से रवाना किया. उसके बाद एक-एक कर शव व अन्य लोगों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ. रात 7:53 बजे महिला का शव निकाला गया. रात 8.02 बजे बच्चे को निकाला गया. इन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया इसके बाद सुरक्षित बचे लोग एक-एक कर सीढ़ियों के सहारे नीचे आने लगे.
सुरक्षित बचे लोगों के बाहर निकलने के बाद लाशों के निकालने का सिलसिला शुरू हुआ. एक-एक कर लाशों को निकाला गया. पुलिस जहां भीड़ को संभालने में जुटी हुई थी. वहीं दूसरी और लोग एक के बाद एक स्ट्रेचर लेकर अंदर जाते और लाश को लेकर सीढ़ियों के सहारे बाहर आते उसे एंबुलेंस में रखते फिर से लाश को निकालने के लिए लिए स्ट्रेचर लेकर ऊपर की ओर दौड़ते. यह दृश्य दो घंटे तक चलता रहा.
घटना की जानकारी मिलने के बाद शाम 6.30 बजे चौथे तल्ले पर रहने वाले आयुष के परिजन अपने घर से भाग कर बाहर आये थे. बाहर निकलने के बाद वह चले परिचित के घर चले गये आयुष ने बताया कि इसके बाद आग और तेजी से बढ़ी है.
पहला शव महिला का 9.53 बजे निकाला गया. इसके बाद लाशों के निकालने का दौर 8.50 बजे से शुरू हुआ. इसके बाद एक-एक कर लाशें निकालती रहीं. 9:30 बजे अंतिम शव निकाला गया.
सिलिंडर किया ब्लास्ट
अग्निशमन विभाग की टीम जब अंदर पहुंची तो दूसरे तल्ले के प्लेट में एक सिलिंडर फटा हुआ मिला. अनुमान लगाया जा रहा है कि सिलिंडर के फटने कारण आग का फ्लो तेज हुआ था. गैस के कारण आग तेजी से फैली.
पाच एबुलेंस के सहारे घायल व शवों को ले जाने का दौर चलता रहा. एक शव पहुंचा कर आता फिर दूसरा शव लेकर जाता यह दृश्य शाम 7.42 बजे से रात 9.21 बजे तक जारी रहा. चीख-पुकार के बीच एंबुलेस का सायरन बजता रहा. सायरन की आवाज सुनते ही लोग रास्ता खाली कर देते फिर से भीड़ जुट जाती.
धनबाद अपार्टमेंट में प्रवेश करने के दो रास्ते है. वहीं दूसरे फ्लैट में जाने के भी दो रास्ते हैं. एक बड़ी सीढ़ी है, वहीं दूसरी छोटी सीढ़ी है. वहीं दो लिफ्ट लगे हुए है. घटना के बाद लिफ्ट बंद हो गयी थी. वहीं दायीं तरफ की सीढ़ियों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. इधर से उतरने वाले व ऊपर छत की ओर जाने वाले लोगों को भी नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन बायीं तरफ स्थित बड़ी सीढ़ियों में ही लोगों की मौत हुई है. इस रास्ते का उपयोग करने वाले लोगों को नुकसान हुआ है. इधर के रास्ते में सीढ़ियों पर सिर्फ शव पड़े हुए थे. यही कारण रहा कि सुरक्षित लोगों को छोटी सीढ़ी से ही नीचे उतारा गया. वहीं लाशों को बड़ी सीढ़ी से नीचे उतारा गया..
आग लगने के बाद अपार्टमेंट में रह रहे अधिकांश लोग छत पर भाग गये. जो लोग छत पर चले गये वह लोग बच गये. वहीं जो लोग नीचे उतरने लगे वे फंस गये थे. अधिकांश लोग नीचे उतरने लगे थे. धुंआ बढ़ने से सीढ़ी से उतर रहे लोग फंस गये, संभवतः दम घुटने से उनकी मौत हो गयी.
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पड़ोस में रहने वाले कई लोगों ने पीछे से घर के अंदर प्रवेश किया. शीशा तोड़ कर कुछ को बचाया. सन्नी शर्मा ने बताया कि धुआं के चलते सांस लेने में परेशानी हो रही थी. इसके बावजूद लोगों को निकालने का प्रयास करते रहे.
अपार्टमेंट का पूरा बेसमेंट धुआ से भरा हुआ था. यही मोबाइल के टार्च के जरिये रेस्क्यू टीम सीढ़ी के जरिये ऊपर जा रही थी.